लोगों की राय

उपन्यास >> शोध

शोध

तसलीमा नसरीन

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :176
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 3010
आईएसबीएन :9788181431332

Like this Hindi book 7 पाठकों को प्रिय

362 पाठक हैं

तसलीमा नसरीन का एक और पठनीय उपन्यास


मेरे बिना उन लोगों की मजलिस, पहले की तरह नहीं जमती, मेरे लिए मेरी माँ काफ़ी दुःखी थीं-ये दोनों वाक्य हारुन को शायद पसन्द नहीं आए।

खत ड्रॉअर में रखते हुए मैंने कहा, 'तुमने ख़त पहले ख़ुद पढ़कर, फिर मुझे दिया है। है न?'

'क्यों? तुम्हें कोई एतराज़ है?' हारुन की भौहें सिकुड़ आईं।

'नहीं एतराज़ क्यों होने लगा? कोई एतराज़ नहीं है।'

'फिर क्या बात है?'

'खत मुझे लिखा गया है, इसलिए इस पर मेरा हक़ ज़्यादा है। लेकिन तुम मुझे यह ख़त नहीं भी दे सकते थे। मुमकिन है। मुझे पता भी नहीं चलता कि सुजीत मर गया।

'हाँऽ, मुमकिन है, तुम्हें यह खबर भी नहीं होती कि तुम्हारे बिना आरजू उदास है...उसका मन नहीं लगता।'

उसकी यह बात सुनकर मैं सिर से पाँव तक थरथरा उठी।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. एक
  2. दो
  3. तीन
  4. चार
  5. पाँच
  6. छह
  7. सात
  8. आठ
  9. नौ
  10. दस
  11. ग्यारह
  12. बारह
  13. तेरह
  14. पन्द्रह
  15. सोलह
  16. सत्रह
  17. अठारह

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book