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शोध

तसलीमा नसरीन

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :176
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 3010
आईएसबीएन :9788181431332

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तसलीमा नसरीन का एक और पठनीय उपन्यास


आँचल से अपने माथे का पसीना पोंछते-पोंछते उसने कहा, 'तुम्हें देखकर मुझे जलन हो रही है, जी!'

'क्यों?' 'तुम्हारा मियाँ तुम्हें इतना प्यार करता है, यह मुझे नहीं मालूम था।' 'वह अपने बेटे को प्यार करता है, मुझे नहीं।'

'तुम्हें प्यार न करता होता, तो बेटे के लिए यूँ पगला न जाता। मैंने सैकड़ों बाप देखे हैं। बच्चा होने पर, कोई इतनी धूमधाम नहीं करता।

बातचीत होते-होते. अफ़ज़ल का प्रसंग भी छिड गया। अफजल ऑस्टेलिया जा चुका था।

'चला गया?' मेरी एक लम्बी उसाँस गूंज उठी। यह उसाँस किसी अफ़सोस की वज़ह से थी या बोझ-मुक्त होने की वजह से, मुझे ठीक-ठीक समझ में नहीं आया।

सेवती भी पिछले दिनों की तरह दुःखी-दुःखी नज़र नहीं आई। किसी भी वजह से, वह अफ़ज़ल से नाराज हो, ऐसा भी नहीं लगा।

'वह अपनी सारी तस्वीरें नहीं ले जा सका। कुछेक तस्वीरें छोड़ गया है।'

वह कौन-सी तस्वीरें छोड़ गया है-यह सोचते हुए शायद मैं अन्दर-अन्दर कहीं सिहर उठी। मैं सोच में डूवी रही-वह कौन-सी तस्वीर छोड़ गया है? बिस्तर पर लेटी हुई नंगी औरत की तस्वीर? लम्बे-लम्बे बालों वाली औरत की तस्वीर? या उस सुरंजना की तस्वीर? छोटे-छोटे बाल! दक्षिण भारतीय चेहरे वाली औरत?

मैंने सेवती की तरफ़ सवालिया निगाहों से देखा।

वह उठकर आईने के सामने जा खड़ी हुई।

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    अनुक्रम

  1. एक
  2. दो
  3. तीन
  4. चार
  5. पाँच
  6. छह
  7. सात
  8. आठ
  9. नौ
  10. दस
  11. ग्यारह
  12. बारह
  13. तेरह
  14. पन्द्रह
  15. सोलह
  16. सत्रह
  17. अठारह

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