लोगों की राय

उपन्यास >> नारी विमर्श

कन्यादान

हरिमोहन झा

मूल्य: Rs. 125

समाज की विसंगतियों और मनोवृत्तियों को बेबाक एवं मर्मस्पर्शी को उजागर करनेवाला उपन्यास...

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अकेला पलाश

मेहरुन्निसा परवेज

मूल्य: Rs. 375

...पलाश लाख सुन्दर हो, सुन्दर फूल हों, पर उसमें सुगन्ध नहीं न ! उसे जूड़े में सजाया नहीं जा सकता, वह किसी भी गुलदस्ते की शोभा नहीं बन पाता, पलाश सिर्फ अपनी डाल पर लगता है और उसी पर मुरझाकर धरती पर गिर जाता है। वह सिर्फ अपने लिए अपनी डाल पर ही सीमित रहता है। कितना कड़वा सत्य है, जिसे उसने आज जाना, अभी..इसी क्षण !!   आगे...

जंगल के जुगनू

देवेश ठाकुर

मूल्य: Rs. 200

यह समाज सेवा पर आधारित एक प्रतिष्ठित उपन्यास है...

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अमलताश

शशिप्रभा शास्त्री

मूल्य: Rs. 85

इसमें नारी की पीड़ा की कहानी, उसके उत्सर्ग और संघर्ष की कहानी का वर्णन है   आगे...

स्वप्नमयी

विष्णु प्रभाकर

मूल्य: Rs. 125

प्रस्तुत है एक माँ की कहानी....   आगे...

कंकाल

जयशंकर प्रसाद

मूल्य: Rs. 125

धर्माचार्यों, समाज-सेवकों, सेवा संगठनों के द्वारा विधवा और बेबस स्त्रियों के शोषण पर आधारित उपन्यास...   आगे...

रतिनाथ की चाची

नागार्जुन

मूल्य: Rs. 60

भारतीय गाँवों की शोषण भरी जिन्दगी का दस्तावेज....

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मर्डरर की माँ

महाश्वेता देवी

मूल्य: Rs. 325

इसमें एक अपराधी की माँ की कहानी का वर्णन है...

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तट की खोज

हरिशंकर परसाई

मूल्य: Rs. 60

एक गरीब परिवार की कथा का वर्णन...

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दहन

सुचित्रा भट्टाचार्य

मूल्य: Rs. 150

इसमें औरत को अपने जुल्म और अत्याचार का शिकार बनाने वाले मर्दों के खिलाफ सामाजिक इंसाफ की वकालत का वर्णन है...   आगे...

 

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