लोगों की राय

लेखक:

स्वामी रामसुखदास
जन्म : 1904

देहावसान : 3 जुलाई 2005

भारतवर्ष के अत्यन्त उच्च कोटि के विरले वीतरागी सन्यासी थे। वे गीताप्रेस के तीन कर्णाधारों में से एक थे। अन्य दो हैं- श्री जयदयाल गोयन्दका तथा श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार ।

परिचय

स्वामी रामसुखदास जी महाराज का जन्म श्री रूघाराम जी पिडवा ग्राम माडपुरा जिला नागौर के यहाँ माघ शुक्ला त्रियोदशी सन् 1904 मे हुआ। उनकी माता कुन्नीबाई के सहोदर भ्राता श्री सद्दाराम जी रामस्नेही सम्प्रदाय के साधु थे।

4 वर्ष की आयु में ही माताजी ने राम सुखदासजी को इनके चरणो मे भेट कर दिया। किसी समय स्वामी कान्हीराम जी गांवचाडी ने आजीवन शिष्य बनाने के लिए आपको मांग लिया। शिक्षा दीक्षा के पश्चात वे सम्प्रदाय का मोह छोडकर विरक्त (संन्यासी) हो गये और उन्होंने गीता के मर्म को साक्षात् किया और अपने प्रवचनो से निरन्तर अमृत वर्षा करने लगे। गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा संचालित समस्त साहित्य का आप वर्षो तक संचालन करते रहे। आपने सदा परिव्राजक रूपमें सदा गाँव-गाँव, शहरोंमें भ्रमण करते हुए गीताजीका ज्ञान जन-जन तक पहुँचाया और साधु-समाजके लिए एक आदर्श स्थापित किया कि साधु-जीवन कैसे त्यागमय, अपरिग्रही, अनिकेत और जल-कमलवत् होना चाहिए और सदा एक-एक क्षणका सदुपयोग करके लोगोंको अपनेमें न लगाकर सदा भगवान्‌में लगाकर; कोई आश्रम, शिष्य न बनाकर और सदा अमानी रहकर, दूसरोकों मान देकर द्रव्य-संग्रह, व्यक्तिपूजासे सदा कोसों दूर रहकर अपने चित्रकी कोई पूजा न करवाकर लोग भगवान्‌में लगें ऐसा आदर्श स्थापित कर गंगातट, स्वर्गाश्रम, हृषिकेशमें आषाढ़ कृष्ण द्वादशी वि.सं.2062 (दि. 3.7.2005) ब्राह्ममुहूर्त में (3 बजकर 40 मिनिट) भगवद्-धाम पधारे।

भगवान से अपनापन

स्वामी रामसुखदास

मूल्य: Rs. 5

इस पुस्तक में श्रीरामसुखदास जी के द्वारा वृन्दावन में दिये गये कुछ कल्याणकारी प्रवचनों का संग्रह है।   आगे...

भगवान् और उनकी भक्ति

स्वामी रामसुखदास

मूल्य: Rs. 5

भगवान् और उनकी भक्ति ...   आगे...

महापाप से बचो

स्वामी रामसुखदास

मूल्य: Rs. 2

प्रस्तुत पुस्तक मनुष्यों को सचेत करती है पाप किसी के भी द्वारा हुआ हो उसे उसका परिणाम देर सवेर भुगतना ही पड़ता है यह पुस्तक मनुष्य को सचेत करती है।   आगे...

मूर्तिपूजा और नामजप

स्वामी रामसुखदास

मूल्य: Rs. 2

इस पुस्तक में मूर्तिपूजा और नामजप का वर्णन किया गया है।   आगे...

मेरे तो गिरधर गोपाल

स्वामी रामसुखदास

मूल्य: Rs. 6

प्रस्तुत है मेरे तो गिरधर गोपाल...   आगे...

यह विकास है या विनाश जरा सोचिये

स्वामी रामसुखदास

मूल्य: Rs. 2

प्रस्तुत है यह विकास है या विनाश जरा सोचिये....   आगे...

वासुदेवः सर्वम्

स्वामी रामसुखदास

मूल्य: Rs. 4

प्रस्तुत है वासुदेवः सर्वम्....   आगे...

वास्तविक सुख

स्वामी रामसुखदास

मूल्य: Rs. 5

प्रस्तुत पुस्तक में श्रीरामसुखदास जी महाराजद्वारा नागपुर में दिये गये कुछ उपयोगी प्रवचनों का संग्रह है।   आगे...

शरणागति

स्वामी रामसुखदास

मूल्य: Rs. 4

प्रस्तुत है शरणागति....   आगे...

शिखा धारण की आवश्यकता

स्वामी रामसुखदास

मूल्य: Rs. 2

इस पुस्तक में हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए शिखा (चोटी) धारण करने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया गया है।   आगे...

 

‹ First23456  View All >>   59 पुस्तकें हैं|