राधाकृष्ण प्रकाशन की पुस्तकें :
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और बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा (खंड 1-5)एल जी मेश्राम विमलकीर्ति
मूल्य: $ 99.95 पांच खंडो में विभाजित इस रचनावली में डॉ. अम्बेडकर की उसी सामग्री को लिया गया है जो अभी तक केवल मराठी में उपलब्ध थी आगे... |
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और मीरा नाचती रहीममता तिवारी
मूल्य: $ 24.95 |
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औरों के बहानेराजेन्द्र यादव
मूल्य: $ 14.95
संस्मरण, विश्लेषण और संश्लेषण की एक अनूठी पुस्तक आगे... |
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कछुआ और खरगोशबलभद्र
मूल्य: $ 9.95 ‘कछुआ और खरगोश’ डॉ. जाकिर हुसैन की ऐसी ही ज्ञानवर्द्धक कहानियों का संकलन है, जिसमें पशु-पक्षियों के बहाने मनुष्य के जीवन के विभिन्न पक्षों को उकेरा गया है। आगे... |
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कछुआ और खरगोशजाकिर हुसैन
मूल्य: $ 7.95 |
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कछुएइंतजार हुसैन
मूल्य: $ 9.95 यथार्थवाद पर आधारित कहानियाँ.... आगे... |
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कछुए की तरहराजेन्द्र दानी
मूल्य: $ 2.95 |
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कटौतीनिलय उपाध्याय
मूल्य: $ 8.95
निलय उपाध्याय का ताजा कविता–संग्रह ‘कटौती’ आज लिखी जा रही कविता के समूचे परिदृश्य में एक नई काव्य–संभावना से भरपूर किसी महत्त्वपूर्ण दिशासूचक, सृजनात्मक परिघटना की तरह उपस्थित हो रहा है। पिछले कुछ वर्षों से महत्त्वपूर्ण हो उठे महा–नागर काव्य–वर्चस्व को एक नितांत वरिष्ठ काव्य–सामर्थ्य और भिन्न काव्य–संरचना के माध्यम से चुनौती देती ये कविताएँ हमें अनुभवों के उस दैनिक संसार में सीधे ले जाकर खड़ा करती हैं, जहाँ ध्वंस और निर्माण, विनाश और संरक्षण, हिंसा और करुणा के अब तक कविता में अनुपस्थित अनेक रूप अपनी समूची गतिमयता, टकराहटों, विकट अंतर्द्वंद्वों और अलक्षित आयामों के साथ उपस्थित हैं। |
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कट्टरता के दौर मेंअरुण कुमार त्रिपाठी
मूल्य: $ 14.95 बीसवीं सदी के भारी उथल-पुथल भरे आखिरी दशक पर केन्द्रित यह पुस्तक अपने युग की प्रमुख प्रवृत्तियों पर बेवाक टिप्पणियाँ करती हैं आगे... |
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कढ़ी में कोयलापाण्डेय बेचन शर्मा
मूल्य: $ 2.95 |