कहानी संग्रह >> मुद्राराक्षस संकलित कहानियां मुद्राराक्षस संकलित कहानियांमुद्राराक्षस
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कथाकार द्वारा चुनी गई सोलह कहानियों का संकलन...
यूसुफ मियां की मृत्यु और प्रधानमंत्री का पानी
एक बयान
दक्षिण की तरफ शहर से बाहर जानेवाली इस सड़क पर सर्दी के दिनों में शाम इस
तरह उतरती है जैसे आसपास की दुनिया पर मकड़ी का घना जाला छा गया हो।
साइकिल सवार दूर के अंधेरे से इसी जाले को फाड़कर सहसा प्रकट होते हैं और
दुबारा उसी में गायब हो जाते हैं।
धुन्ध में उनकी आकृति बहुत जल्दी गायब हो जाती है पर उनकी ऊंची आवाजें देर तक
सुनाई देती हैं।
ये वही लोग हैं जो दोपहर ढलते, साइकिलों पर हर तरह की सब्जियां लादकर लाते
हैं और शहर के इसी तरफ बनी एक नई बस्ती के बीचोबीच सड़क के दोनों ओर बैठ जाते
हैं। आप इस मुगालते में न रहें कि यह सस्ती होती होंगी। यह थोड़ी महंगी ही
होती हैं, मगर इस नई कालोनी के लिए यह बहुत बड़ी गनीमत है।
रात होते-होते ये लोग अपना सामान समेट लेते हैं और बची-खुची सब्जी के साथ
वापस लौट जाते हैं। लम्बी सड़क की धुंध में चलना कोई कोई अच्छा अनुभव नहीं
होता। इसीलिए वे आपस में बातें करते हुए एकांत का भय तोड़ते हैं।
इस कहानी के मुख्य पात्र यही लोग हैं या कहना चाहिए कि यह कहानी इसी दुनिया
की है। और बाकायदगी के साथ कुछ इस तरह शुरू की जा सकती है-
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