लोगों की राय

जीवनी/आत्मकथा >> मुझे घर ले चलो

मुझे घर ले चलो

तसलीमा नसरीन

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :359
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 5115
आईएसबीएन :81-8143-666-0

Like this Hindi book 6 पाठकों को प्रिय

419 पाठक हैं

औरत की आज़ादी में धर्म और पुरुष-सत्ता सबसे बड़ी बाधा बनती है-बेहद साफ़गोई से इसके समर्थन में, बेबाक बयान


जिस मकान के सामने हमारी गाड़ी रुकी। वह पूरा-का-पूरा फार्म-हाउस था। वागान समेत मकान! इस मकान में एक अधेड़ अंग्रेज महिला पिछले पंद्रह वर्षों से अपने सिसिलियन पति के साथ गृहस्थी चला रही हैं। मकान देखकर ही अंदाजा लग जाता है कि इन लोगों के पास अथाह दौलत है। बहरहाल सिसिली में जिनके पास रुपए-पैसे हैं, उनका माफिया लोगों से कोई रिश्ता-नाता नहीं है, इस बात पर भरोसा करने में मुझे तकलीफ होती है। मैं बेचैन कदमों से घर-बगीचे-बरामदे में चक्कर लगाती हूँ!

“पानी-वानी कुछ पीओगी? या सीधे वाइन मँगाऊँ?" आन्तोनेला ने पूछा।

“नहीं, मैं कुछ भी नहीं लूंगी।"

"क्यों? तबीयत तो खराब नहीं लग रही है?"

"ना।"

लिंडा ने करीब आकर मुस्कराते हुए कहा, "बस, पाँच मिनट में खाना तैयार हो जाएगा।"

मेरे चेहरे पर भी फीकी-सी मुस्कान झलक उठी। मैंने सोफे पर अपना बदन टिका दिया और हल्की-फुल्की गपशप शुरू कर दी-इटली की आबोहवा बेहद मनमोहक है। स्वीडन में आजकल बर्फ पड़ रही है! स्वीडिश लोगों का कहना है-पिछले सौ सालों में ऐसा कांड नहीं हुआ, मई के महीने में कभी बर्फ नहीं पड़ी। इतालवी भाषा में हलो या गुडबाई के तौर पर क्या कहते हैं, पता है? चाउ-चाउ!...अब यह अंतर्राष्ट्रीय संवाद बन गया है! यह शब्द 'चिआमो' से आया है! चिआमो से चियाउ! चियाउ से चाउ! चिआमो का मतलब है, मैं तुम्हारा नौकर हूँ! 'चाउ' शब्द का असली अर्थ कितने लोग जानते हैं?"

मैंने जोर का ठहाका लगाया।

अब मैंने असली बात छेड़ दी, "इंग्लैंड के बजाय, लिंडा, आप सिसिली में क्यों रहती हैं?"

"मैं सिसिली के इश्क में जो पड़ गई हूँ।" लिंडा ने जवाब दिया और बुद्धू-बुद्धू  निगाहों से देखती रही।

सच तो यह है कि इश्क में पड़कर इंसान बुद्ध ही नज़र आता है।

“सिसिली के इश्क में भला कोई पड़ता है? यहाँ माफिया लोगों का जैसा..."

मेरी बात अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि मैंने देखा कमरे में अचानक अद्भुत स्तब्धता उतर आई है। सबरीना अब तक चहक रही थी, उसे भी जैसे पाला मार गया। लिंडा ने भी मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया। आन्द्रिआनो, लिंडा के पति अचानक कुर्सी पीछे धकेलकर उठ गए। आन्तोनेला अपने नाखून खुरचने लगी। रूदलाफो और वारवरा, एमनेस्टी की दो सदस्याएँ, पत्रिका के पन्ने उलटने-पलटने लगीं। यह चक्कर क्या है? माफिया के ज़िक्र पर इन लोगों ने अपने को यूँ समेट क्यों लिया?

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. जंजीर
  2. दूरदीपवासिनी
  3. खुली चिट्टी
  4. दुनिया के सफ़र पर
  5. भूमध्य सागर के तट पर
  6. दाह...
  7. देह-रक्षा
  8. एकाकी जीवन
  9. निर्वासित नारी की कविता
  10. मैं सकुशल नहीं हूँ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book