जीवन कथाएँ >> लज्जा लज्जातसलीमा नसरीन
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प्रस्तुत उपन्यास में बांग्लादेश की हिन्दू विरोधी साम्प्रदायिकता पर प्रहार करती उस नरक का अत्यन्त मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया गया है...
गोपालगंज जिले में मकसूदपुर उपजिला के ‘उजानि संघ' के अध्यक्ष खायेर. मुल्ला की मृत्यु को मुद्दा बना कर पुनरुत्थानवादी कट्टरपंथियों और पुलिस ने उस इलाके के हिन्दुओं पर अत्याचार किया। पुलिस ने वासुदेवपुर गाँव के शिबू की पत्नी और महाढेली गाँव की कुमारी अंजलि विश्वास के साथ बलात्कार किया। शिमुलपुर गाँव के बारह लोगों पर सर्वहारा दल का समर्थक होने का आरोप लगाकर उन्हें गिरफ्तार किया गया और उन पर काफी अत्याचार किया गया। बाद में एक बड़ी राशि के बदले उनको छुटकारा मिला।
20 जून को फिरोजपुर जिले में स्वरूपकाठी उपजिला के वास्तुकाठी गाँव में पुलिस ने हिन्दुओं की फसल को तहस-नहस कर दिया। खेत में जो काम कर रहे थे, उन्हें थाने में बंद कर दिया गया और काफी रुपये वसूलने के बाद ही उन्हें छोड़ा गया। इसी गाँव में 11 जून को उपजिला के स्वास्थ्य विभाग की सेविका मिनती रानी अपनी भाभी और भाई को लेकर अपनी सहेली छवि रानी के घर मिलने आदमकाठी जा रही थी। रास्ते में अस्थायी पुलिस कैम्प में बंद करके उन्हें सताने की धमकी दी जाने लगी। बाद में एक हजार रुपये के बदले उन्हें छोड़ा गया। स्वरूपकाठी के पूर्व जलाबाड़ी गाँव के सुधांशु कुमार हालदार की चौदह वर्षीय लड़की शिउली को मामा के घर जाते समय रास्ते में पकड़कर रुस्तम अली नाम के एक आदमी ने उसके साथ बलात्कार किया। शिउली रास्ते में बेहोश होकर गिरी हुई थी। सुधांशु हालदार ने जब वहाँ के जाने माने लोगों से इसकी फरियाद की तो उससे कहा गया, 'यह सब अगर नहीं बर्दाश्त कर सकते तो इस देश को छोड़ना होगा।'
7 अप्रैल को बागुड़ा जिले में शिवगंज उपजिला के बूड़ीगंज बाजार में डॉ. शचीन्द्र कुमार साहा के आवास के सामने मस्जिद बनाने के मकसद से मस्जिद कमेटी के लोगों ने उनके घर पर हमला किया। उन्होंने डॉक्टर साहा के घर का दरवाजा खिड़की तोड़ डाली। समान लूटकर घर में आग लगा दी। उन लोगों ने उनके घर से सटे मंदिर को तोड़कर धूल में मिला दिया। करीब दो घण्टे तक ताण्डव चला! इस दौरान करीब 11 लाख रुपये का सामान लूट लिया। घटना के समय डाक्टर साहब के लड़के ने किसी तरह भागकर थाने में खबर दी तो पुलिस अधिकारी अपनी पुलिसवाहिनी लेकर गये तो जरूर लेकिन अभियुक्त अलताफ हुसैन मण्डल के नेतृत्व में अन्य अभियुक्तों ने लाठी, लोहे के रॉड, ईंट-पत्थर से पुलिस पर आक्रमण किया। इसमें कुछ पुलिस वाले घायल भी हुए बाद में शिवगंज उपजिला के कार्यकारी अधिकारी ने अलताफ हुसैन मण्डल सहित पैंसठ लोगों के विरुद्ध शिकायत दर्ज की। उन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। लेकिन ऊपर से आदेश होने के कारण अभियुक्तों को रिहा करना पड़ा। डॉक्टर साहब के परिवार के सदस्यों को भी मार डालने की धमकी दी गई। इससे पूरे इलाके के हिन्दू असुरक्षा महसूस करने लगे। अब वे इस इलाके को छोड़कर जाने के बारे में सोचने लगे हैं।
फरीदपुर जिले में आलताफडांगा उपजिला के टिकरापाड़ा गाँव में 3-4 मई, 1980 को हिन्दुओं के ऊपर अत्याचार किया गया। इस इलाके के हिन्दू जान बचाने के लिए अपना-अपना घर छोड़कर दूसरी जगह आश्रय लेने लगे।
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