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लज्जा

तसलीमा नसरीन

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :176
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 2125
आईएसबीएन :81-7055-777-1

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प्रस्तुत उपन्यास में बांग्लादेश की हिन्दू विरोधी साम्प्रदायिकता पर प्रहार करती उस नरक का अत्यन्त मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया गया है...


गोपालगंज के कोटालीपाड़ा, मकसूदपुर सहित पूरे गोपालपुर जिले में हिन्दुओं के घरों में चोरी, डकैती, लूटमार चार सौ बीसी, गैर कानूनी ढंग से घरों पर कब्जा करने, झूठा मामला दायर करने, बलात्कार करने, मंदिरों को तोड़कर आग लगाने की घटना तो है ही, साथ ही पुलिस का अत्याचार भी खूब चला। कोटालीपाड़ा उपजिला के अध्यक्ष मण्ट्र काजी के पालतू गुण्डों ने कुशला यूनियन के मान्द्रा लाखिरपाड़ गाँव में दिनदहाड़े खुलेआम हिन्दुओं पर हमला किया, उनकी बेटियों पर जुल्म ढाया और मादारबाड़ी, लाखिरपाड़ा, घाघर बाजार, खेजूरबाड़ी, कान्द्री आदि इलाकों में हिन्दुओं को डरा धमकाकर रुपया ऐंठा, कीमती वस्तुओं को लूटकर स्टाम्प पेपर पर हस्ताक्षर भी करवा लिया। यहाँ के काफी हिन्दुओं ने डर कर देश छोड़ दिया। मण्टू काजी ने कोटालीपाड़ा में सोनाली बैंक की मिसेज भौमिक के साथ पाशविक बलात्कार किया। कान्द्री गाँव की ममता, मधु सहित कई लड़कियों को नौकरी देने के बहाने उपजिला कार्यालय में बंद कर बुरी तरह बलात्कार किया गया।

बागेरहाट जिले में चितलमारी उपजिला के गरीबपुर गाँव में अनिलचन्द्र के घर में 3 जुलाई, 1988 की आधी रात पुलिस घुसी। अनिलचन्द्र घर पर नहीं थे। पुलिस वालों ने उसकी पत्नी और बच्चे को काफी पीटा। उसी रात गाँव के स्कूल मास्टर अमूल्य बाबू के घर पर भी पुलिस ने लूटपाट की। 4 तारीख को सुड़ीगाती गाँव के क्षितीश मण्डल की पत्नी और बेटी के साथ पाशविक अत्याचार किया गया। 5 तारीख को उसी गाँव के श्यामल विश्वास के घर पर भी पुलिस ने हमला किया और घर की कीमती वस्तुओं को लूट लिया। इन घटनाओं के कुछ दिनों बाद से चितलमारी गाँव के नीरद बिहारी राय के घर में जबरन घुसकर एक असामाजिक व्यक्ति रहने लगा। प्रशासन से कहने-सुनने का भी कोई फायदा नहीं हुआ। कालशिरा गाँव के एक हिन्दू को यू. पी. सदस्य मंसूर मल्लिक जबरदस्ती उसके घर से निकालकर खुद रहने लगा है। वह बेघर व्यक्ति अब रास्ते में भटकता है।

गोपालगंज के शिक्षा विभाग के कार्यपालक जहूरसाहेब ने हिन्दू महिलाओं को नौकरी दिलाने का लालच दिखाकर उनकी इज्जत लूटी। डेमकैर गाँव में विश्वासवाड़ी की दो महिलाओं का उसी तरह से बलात्कार किया गया। इतना ही नहीं, ये जनाब हिन्दू शिक्षक-शिक्षिकाओं को तबादले का डर दिखाकर उनसे रुपया भी ऐंठते हैं।

गोपालगंज के आलती गाँव के जगदीश हालदार के घर पर पुलिस और उस इलाके के हथियारबंद युवकों ने एक साथ मिलकर हमला किया। पूरे घर को तहस-नहस कर दिया। परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट की और लूटपाट भी की। जाते-जाते सबको मार डालने की धमकी भी दे गये। उस वर्ष गाँव के और भी कई मकानों पर इसी तरह हमला हुआ और कई मंदिरों का तोड़ डाला गया। आशुतोष राय, सुकुमार राय, मनोरंजन राय, अंजलि राय, सुनीति राय, बेला विश्वास उनके हाथों उत्पीड़ित हुए थे। जाते समय वे धमकी दे गये कि इस देश में कोई मंदिर नहीं रह सकता।

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