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लज्जा

तसलीमा नसरीन

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :176
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 2125
आईएसबीएन :81-7055-777-1

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प्रस्तुत उपन्यास में बांग्लादेश की हिन्दू विरोधी साम्प्रदायिकता पर प्रहार करती उस नरक का अत्यन्त मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया गया है...


बहत्तर के संविधान को बदल कर अठहत्तर के संविधान की शुरुआत में बिसमिल्लाहिर रहमानी रहीम (दयावान, परम दयालु, अल्लाह के नाम पर) बैठाया गया Secularism and freedom of religion.

12. The prinicipal of Secularism shall be realised by the elimination of

a. Communalism in all its forms.
b. the granting by the state of political status in favour of any religion.
c. the abuse of religion for political purposes.
d. any discrimination against or persecution of persons practising a particular religion.

संविधान की 12वीं धारा को पूर्ण रूप से जड़ा दिया गया है। सेक्यूलरिज्म को खत्म करके 25(2) नम्बर धारा में, 'राष्ट्र इस्लामी एकता के आधार पर मुस्लिम देशों के बीच भाईचारे को जोरदार करने, बनाये रखने एवं उसे मजबूत करने के लिए सचेष्ट होइएगा,' को जोड़ा गया है।

बहत्तर के संविधान के छह नम्बर धारा में कहा गया था The citizenship of Bangladesh shall be determined and regulated by law; citizens of Bangladesh shall be know as Bangaless. इसे जियाउर रहमान ने The citizens of Bangladesh shall be known as Bangldeshis किया।
 
सुधामय की आँखों में अँधेरा छा जाता है। दोपहर नहीं बीती, अभी से कमरे में इतना अँधेरा क्यों होगा! तो क्या उनकी आँखों की रोशनी घट रही है। या फिर बहुत दिन हो गये चश्मा नहीं बदला, इसलिए। कहीं आँखों में जाला तो नहीं पड़ रहा है। या फिर बार-बार आँखों में पानी आने से उनकी नजर धुंधला रही है।

सुरंजन भी कैसा बदलता जा रहा है। एक बार भी पास आकर नहीं बैठता। माया को उठा ले जाने के बाद से भूलकर भी उसने इस कमरे में कदम नहीं रखा। सुधामय इस कमरे से ही उस कमरे में चल रही अड्डेबाजी व शराब पीने की आवाज सुनते हैं। क्या वह लड़का बिगड़ता जा रहा है? उन्होंने सुरंजन को घर में शराब पीते हुए कभी नहीं देखा। अब तो वह किसी की परवाह ही नहीं करता। दो ही दिनों में वह अपनी माँ को भी भूल गया! सुधामय को यकीन नहीं आता, सुरंजन का अचानक चुप्पी साध लेना सुधामय को और भी व्याकुल कर देता है। वह लड़का बर्बाद तो नहीं हो रहा है!

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