जीवन कथाएँ >> लज्जा लज्जातसलीमा नसरीन
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प्रस्तुत उपन्यास में बांग्लादेश की हिन्दू विरोधी साम्प्रदायिकता पर प्रहार करती उस नरक का अत्यन्त मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया गया है...
'काक्स बाजार की खबरें मिलीं, सेवा खोला का मंदिर तोड़ दिया गया है। एक चितामंदिर था, उसे भी तोड़ दिया। जलालाबाद के ईदगाँव बाजार का केन्द्रीय काली मंदिर, हिन्दूपाड़ा का सार्वजनिक दुर्गा मंदिर, महुआपाड़ा का मनसा मंदिर, हरि मंदिर और मछुआपाड़ा के क्लबघर को जमातियों ने आग लगाकर राख कर दिया। इस्लामाबाद के हिन्दूपाड़ा का सार्वजनिक दुर्गा मंदिर, बोवालखाली का दुर्गा मंदिर, अद्वैत चिन्ताहरि मठ, मठाध्यक्ष का घर, साथ में और पाँच पारिवारिक मंदिरों को पूरा जला दिया। बोयाखाली का हरि मंदिर लूट लिया। चौफरदंडी में आठ मंदिर, छह घर, दो दुकानें जलाकर राख कर दिया। हिन्दू मुहल्ले के 165 परिवारों का सब कुछ लूट लिया। बाजार की पाँच हिन्दू दुकानों को लूट लिया। वे जहाँ भी हिन्दुओं को देख रहे हैं, मार रहे हैं। हिन्दुओं के धान के भण्डार में किरासन डालकर आग लगा दे रहे हैं। उखिया की भैरववाड़ी पूरी-की-पूरी खत्म कर दी। टेकनाफेर, कालीबाड़ी, पुरोहित का घर-द्वार जलाकर राख कर दिया। सारंग के मंदिर को भी तोड़कर आग लगा दी। महेशखाली में तीन मंदिर और ग्यारह घरों को जला दिया। चार गीता स्कूलों को भी जला दिया। कालर माँ बाजार के काली मंदिर और हरि मंदिर को भी तोड़-फोड़कर जला दिया। कुतुब दिया में बड़घोप बाजार के काली मंदिर व नटमंदिर समेत कुल छह मंदिरों में आग लगा दी गयी। बाजार के चार कर्मकारों की दुकानों को लूटा है। ‘अली अकर डेइल' में 51 मछुआरों के परिवारों का सारा सामान जला डाला है। कुतब दिया में आग लगायी गयी। इसमें तीन बच्चों की मौत हो गयी। रामुर ईदगढ़ में सार्वजनिक काली मंदिर और मछुआ पाड़ा का हरि मंदिर तोड़कर जला दिया गया। ‘फतेखांकुल' में काफी घरों को जलाकर भस्म कर दिया।
तापस पाल को रोकते हुए सुरंजन ने कहा, 'धत् तेरे की! रखो तो अपनी जलाने-वलाने की खबर। उससे अच्छा है एक गाना गाओ।'
'गाना?' महफिल के सभी हैरान हुए। ऐसे वक्त में भी गाना गाया जाता है क्या? क्या यह दिन दूसरे दिनों की तरह है? सारे देश में हिन्दुओं के घर-द्वार, मंदिर दुकान लूटे जा रहे हैं, तोड़े जा रहे हैं, जलाया जा रहा है। और सुरंजन को गाना सुनने की इच्छा हो रही है।
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