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लज्जा

तसलीमा नसरीन

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :176
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 2125
आईएसबीएन :81-7055-777-1

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प्रस्तुत उपन्यास में बांग्लादेश की हिन्दू विरोधी साम्प्रदायिकता पर प्रहार करती उस नरक का अत्यन्त मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया गया है...


अचानक गाने का प्रसंग छोड़ते हुए सुरंजन कहता है, 'बहुत भूख लगी है काजल दा। भात खिलायेंगे?'

'इस वक्त भात!' उनमें से एक-दो हैरान हुए।

सुरंजन को भर पेट भात खाने की इच्छा हो रही है, एक थाली भात, मछली के साथ। भिनभिनाती हुई मक्खियाँ घूम रही हैं। वह बायें हाथ से मक्खियों को भगायेगा, और दाहिने हाथ से खायेगा। उसने अपने ब्राह्मणपल्ली के मकान में बैठकर रमरतिया को इस तरह खाते हुए देखा था। रमरतिया राजबाड़ी स्कूल का झाडूदार था। एक दिन स्कूल में माया का पेट गड़बड़ा गया था, वह छोटी-सी बच्ची यह नहीं समझती थी कि उसे दौड़कर बाथरूम जाना चाहिए। वह अपना सफेद पाजामे को पीला करके मैदान में खड़ी रो रही थी। हेडमिस्ट्रेस ने तब रमरतियो को बुलाकर माया को उसके साथ भेज दिया था। किरणमयी ने उस दिन रमरतिया को भात खाने को दिया था। इतनी तृप्ति से भात जैसी चीज को खाया जा सकता है, रमरतिया को खाते हुए न देखने पर सुरंजन जान ही नहीं सकता था। और आज वह कमरे भर लोगों के सामने भात खाना चाह रहा है, क्या वह पागल हो गया है। शायद पागल नहीं हुआ है, अगर पागल हो जाता तो क्या छाती फाड़कर ऐसी रुलाई आती। कमरे में लोग गंभीर चर्चा कर रहे हैं और ऐसे समय यदि वह जोर से रो पड़े तो? कितना बुरा होगा न! दिन भर वह धूप में घूमता रहा है। पुलक के घर जाने की बात थी। रुपये लौटना होगा। माया का दिया हुआ नोट अब तक खर्च नहीं हुआ। रात में एक बार पुलक के घर जाना होगा। उसे भूख भी लगी है और नींद भी आ रही है।

सुरंजन उनींदी में सुनता है, कोई कह रहा है कि नरसिंदी के लोहरकाँदा गाँव की वासना रानी चौधरी को गाँव के लोगों ने उसके घर से निकाल दिया है। वासना के बेटे को छुरा दिखाकर स्टैम्प लगे सादे कागज पर दस्तखत करवा लिया है। जाने से पहले वे लोग यह धमकी दे गए कि इस बात का किसी से जिक्र करने पर वे वासना देवी और उसके दोनों बेटों को मार डालेंगे। क्या वासना का चेहरा किरणमयी की तरह है? किरणमयी की तरह नरम, निरीह, भलामानुष? मदारीपुर के रमजानपुर गाँव में सविता रानी और पुष्पारानी का यूनुस सरदार के आदमियों ने बलात्कार किया। खुलना जिले के डुयुरिया की अर्चना रानी विश्वास और भगवती विश्वास नामक दो बहनों को बाजार से लौटते वक्त वैन से जबरदस्ती खींचकर वालिद अली के घर ले जाकर बलात्कार किया गया। कौन लोग करते हैं यह सब? कौन लोग? क्या तो नाम है उनका ; मधु, शौकत, अमीनुर। चट्टग्राम में पटिया के परिमलदास के लड़के उत्तम दास की बादशाह मियाँ, नूर इस्लाम, नूर हुसैन ने रात के तीन बजे घर में घुसकर हत्या कर दी। उत्तम के घरवालों ने मुकदमा किया था, फलस्वरूप उनको अव जमीन-जायदाद से बेदखल करने का षड्यंत्र चल रहा है।

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