जीवन कथाएँ >> लज्जा लज्जातसलीमा नसरीन
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प्रस्तुत उपन्यास में बांग्लादेश की हिन्दू विरोधी साम्प्रदायिकता पर प्रहार करती उस नरक का अत्यन्त मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया गया है...
पाक-भारत युद्ध के समाप्त होने के बाद पहले के कानून को जारी रखने के बहाने Enemy Property (Continuance of Emergency Provision) Ordinance-1 की तरह 1966 जारी किया। बांग्लादेश के स्वाधीनता-युद्ध में भारत की मित्रता घनिष्ठ होने और दोनों देशों के बीच कोई युद्धावस्था न रहने के बावजूद राष्ट्रपति के आदेश संख्या 29/1972 अर्थात् Bangladesh (Vesting of property and assets) Order को स्थायी करार देकर शत्रु संपत्ति या पाकिस्तान सरकार के कास्टोडियन के ऊपर जो कानूनी अधिकार था, उसे बांग्लादेश सरकार को कानूनी तौर पर दिया गया। दरअसल 1979 के पाकिस्तानी शासकों ने Enemy Property (Continuance of Emergency Provision) Ordinance को बहाल रखकर जनता की मानसिक मर्यादा, सामाजिक अधिकार और समानता की प्रतिष्ठा का जो वचन दिया था उसका उल्लंघन किया गया है। पाकिस्तान की तरह ही स्वतंत्र बांग्लादेश में भी शत्रु सम्पत्ति. की देख-रेख अत्यन्त अनैतिक ढंग से जारी रखी गयी। जनता की माँग की उपेक्षा करके 'शत्रु-सम्पत्ति कानून' (Continuance of Emergency Provision) Repeal Act XLV of 1974 जारी करके बहिष्कृत करने के नाम पर Vested & Non & Resident Property (Administration) Act XLVI of 1974 की आड़ में पाकिस्तान के जमाने में सरकार के हाथ में अर्पित सम्पत्ति सहित बांग्लादेश के जो स्थायी निवासी नहीं हैं has ceased to be permanent resident या विदेशी नागरिकता ले ली है ऐसे व्यक्तियों की सम्पत्ति सरकार के पास जमा करने के माध्यम से सभी सम्पत्ति की कार्रवाई और व्यवस्था के लिए एक संचालन समिति का निर्माण किया गया। इस समिति को उसके ही प्रयत्न से या प्रवासी के आवेदन से या सरकार के निर्देश से घोषित सम्पत्ति का दायित्व सौंपा गया। इस कानून के अन्तर्गत सिर्फ पाकिस्तान सरकार के समय 'शत्रु-सम्पत्ति' के नाम पर जिन सम्पत्तियों की सूची बनायी गयी थी, वही नहीं बल्कि पाकिस्तान सरकार या शत्रु-सम्पत्ति के देखरेख कर्ता जिन सम्पत्तियों को अपने अधीन नहीं लिये थे, उन्हें भी लेने की कोशिश की गई है, लेकिन कानून के लागू होने से पहले ही सन् 1976 में Ordinance संख्या xc III जारी किया गया। इस नियम में कहा गया है, Those properties which have had vested under the Act shall be administered, controlled, managed and disposed ofby transfer or otherwise. by the Government may direct. इसके बाद साल भर बीतने से पहले सन् 1977 की मई को एक सर्कुलर में कहा गया-10 Kathas of vacant non-agricultural lands situated in business centre shall be settled in open action with the Lighest bidedei.
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