लोगों की राय

नई पुस्तकें

मेरे तूणीर मेरे बाण

अमरेंद्र कुमार

मूल्य: $ 14.95

इस संग्रह के व्यंग्य-लेख जीवन के विभिन्न पक्षों-संदर्भों से जुड़े हैं तथा भारत एवं अमेरिकी जीवन की विडंबनाओं पर प्रकाश डालते हैं।   आगे...

मेरा देश बदल रहा है

ए. पी. जे. अब्दुल कलाम

मूल्य: $ 14.95

आज बड़ी संख्या में भारतीय युवा क्षमतावान, समर्पित, दृढ-संकल्पित, आदर्शवादी और कड़ी मेहनत करनेवाले हैं। उनमें अद्भुत शक्ति, सामर्थ्य और क्षमता है।   आगे...

मैं और मेरा छपास रोग

पूरन सरमा

मूल्य: $ 15.95

हिंदी व्यंग्य में भी ऐसे कितने लेखक आपको मिलेंगे, जिनकी किताब आप खरीदकर पढ़ने की इच्छा रखते हैं ? पूरन सरमा ऐसे लेखक हैं।   आगे...

मजहब ए मोहब्बत

मोरारि बापू

मूल्य: $ 15.95

इसीलिए महुवा हो या और कोई भी स्थान हो, बापू, मुसलिम, ख्रिस्ती, जैन, बौद्ध, सिख या यहूदी, कोई भी हो, उसे एक ही बात समझाने की प्रामाणिक प्रार्थना करते हैं कि हम सबके लिए अब तो हमारा मजहब, केवल, मजहब-ए-मोहब्बत ही है।   आगे...

मैनिफेस्टेशन सीक्रेट्स

वेन डब्ल्यू. डायर

मूल्य: $ 15.95

यह पुस्तक आपकी समस्त इच्छाओं को परिपूर्ण करने की कला पर अधिकार प्राप्त करने का एक उपक्रम है   आगे...

मनचाहे लक्ष्य प्राप्त करने की जादुई पुस्तक

राम गंगलानी, जैक कैनफील्ड

मूल्य: $ 17.95

इस पुस्तक से प्रेरणा लेकर अपना जीवन अपने नियंत्रण में करें और मनचाही सफलता प्राप्त करें   आगे...

मैं संघ में और मुझमें संघ

मा.गो. वैद्य

मूल्य: $ 15.95

वैद्य कुल के इतिहास, भूगोल, फैलाव आदि के साथ ही मा.गो. वैद्य के व्यक्तिगत जीवन का भी निकट से परिचय   आगे...

मैं हूँ भारतीय

के.के. मुहम्मद

मूल्य: $ 15.95

भारतीय पुरातत्व विभाग लम्बे समय से मार्क्सवादी विचारधारा के प्रभाव में रहा है। पुरातत्व विभाग अपनी खोजों से भारत के इतिहास की पहचान बनाने में अहम भूमिका निभाता है। इस स्थिति में भारतीयता की भावना रखने वाले पुरातत्वविद् को किस प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, इस आत्मकथा में पढ़ें।   आगे...

महापुरुषों का बचपन

मोहनदास नैमिशराय

मूल्य: $ 15.95

लेखक ने इस पुस्तक में ऐसे महापुरुषों के बचपन को बेबाकी से रेखांकित किया है, जिन्होंने गरीबी की मार को झेलने के साथ-साथ सामाजिक विषमता को भी भोगा है   आगे...

लहरों की गूंज, सूरज की पहली किरण

तारा मीरचंदाणी

मूल्य: $ 14.95

सामाजिक बिंदुओं को स्पर्श करता प्रसिद्ध सिंधी साहित्यकार तारा मीरचंदाणीजी का उपन्यासद्वय जो पाठकीय संवदेना को छुएगा और उसके अंतर्मन में अपना स्थान बना लेगा।   आगे...

 

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