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मनोविश्लेषण

सिगमंड फ्रायड

प्रकाशक : राजपाल एंड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :392
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8838
आईएसबीएन :9788170289968

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‘ए जनरल इन्ट्रोडक्शन टु साइको-अनालिसिस’ का पूर्ण और प्रामाणिक हिन्दी अनुवाद


 ये तीन तरह की गलतियां बहुत आम नहीं हैं। वे गलतियां अधिक होती हैं जिनमें शब्द-मिश्रण या शब्दों के सिकुड़कर एक वन जाने की घटना होती है; उदाहरण के लिए एक नौजवान एक महिला से कहता है कि क्या मैं रास्ते में आपको बेग्लीटडाइजेन (begleit-digen-जर्मन भाषा में)-इन्सौर्ट (अंग्रेज़ी में) कर सकता हूं। यह मिश्रित रूप बेग्लीटेन (begleiten)=हिफाज़त से पहुंचाना और बेली-डाइजेन (beileidigen)-अपमान करना, का मिश्रण है। (अंग्रेज़ी में बेग्लीटेन एस्कौर्ट तथा बेलीडाइजेन-इन्सल्ट, और दोनों का मिश्रण-इन्सौर्ट)। (और प्रसंगतः, किसी महिला से इस तरह की बात कहने पर नौजवान को विशेष सफलता होने की आशा तो नहीं है)। स्थानापन्नता का उदाहरण यह है कि जब कोई दीन औरत कहती है कि 'मुझे असाध्य इन्फर्नल (अंग्रेज़ी नारकीय; वह कहना चाहती थी इण्टर्नल-भीतरी या गुप्त) रोग है; या जब श्रीमती मैलाप्राप कहती है, 'स्त्रियों के इनेफेक्च्युअल (निष्फल, कहना चाहती थीं इण्टेलेक्च्युअल-बौद्धिक) गुणों का मूल्य आंकना बहुत थोड़े लोगों को आता है।'

इन दोनों लेखकों ने अपने उदाहरण-संग्रह के आधार के रूप में जो व्याख्या पेश की है, वह विशेष रूप से अपर्याप्त है। उनका कहना है कि शब्द की ध्वनियों और अक्षरों1 का अलग-अलग मान2 होता है, और कि अधिक मान वाली ध्वनियों का स्नायु-दीपन3 कम मान वाली ध्वनियों का बाधक बन सकता है। स्पष्ट है कि उनके निष्कर्ष का आधार पर्वोच्चारण और निरर्थकावृत्ति के उदाहरण हैं, जो बहुत कम होते हैं। यदि यह मान भी लें कि ध्वनियों के मान अलग-अलग होते हैं, तो भी बोलने की गलतियों के और रूपों में इस तरह ध्वनियों के अधिक मान वाली होने का प्रश्न पैदा ही नहीं होता; सबसे अधिक होने वाली गलती वह है जिसमें मनुष्य किसी शब्द के स्थान पर उससे मिलता-जुलता दूसरा शब्द बोल जाता है, और दोनों के सादृश्य को इस गलती का काफी कारण मान लिया जाता है। उदाहरण के लिए कोई प्रोफेसर अपने आरम्भिक व्याख्यान में कह सकता है, 'मैं अपने पूर्ववर्ती प्रोफेसर के गुणों का मूल्यांकन करने के लिए इच्छुक (geneigt) (उसे कहना था, योग्यgeeignet) नहीं हूं।' कोई दूसरा प्रोफेसर कहता है, 'स्त्री की जननेन्द्रिय के बारे में, आसक्तिजनक (Versuchungen)...मेरा मतलब है, आयासजनित Versuche... परन्तु सबसे अधिक होने वाली और सबसे अधिक नज़र आने वाली बोलने की गलती वह है जिसमें आदमी जो कुछ कहना चाहता है, ठीक उससे उल्टी बात कह जाता है। इन उदाहरणों पर ध्वनियों के सम्बन्धों का सादृश्य के कारण होने वाली गड़बड़ी का कोई प्रभाव नहीं होता, और इसलिए और कोई कारण दिखाई न देने पर आदमी का ध्यान इस बात पर जाता है कि विरोधी अर्थों में परस्पर प्रबल अवधारणीय4 सम्बन्ध होता है, और मनोवैज्ञानिक दृष्टि से उनका निकट सम्बन्ध होता है। इस तरह के बहुत-से प्रसिद्ध प्रसंग हैं। उदाहरण के लिए, हमारी पार्लियामेंट के अध्यक्ष ने एक बार अधिवेशन का उद्घाटन इन शब्दों में किया, 'सज्जनो, मैं घोषणा करता हूं कि कोरम पूरा है और अब मैं अधिवेशन को बंद घोषित करता हूं।'

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1. Syllables
2. Value
3. Innervation
4. Conceptual connection

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