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मनोविश्लेषण

सिगमंड फ्रायड

प्रकाशक : राजपाल एंड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :392
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8838
आईएसबीएन :9788170289968

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‘ए जनरल इन्ट्रोडक्शन टु साइको-अनालिसिस’ का पूर्ण और प्रामाणिक हिन्दी अनुवाद


इस तरह की एक गलती का उदाहरण शिलर (Schiller) के वालेनस्टाइन (पिक्कोलोमिनी, अंक 1, दृश्य 5) में आता है। पहले के दृश्य में युवा मैक्स पिक्कोलोमिनी ने ड्यूक वालेनस्टाइन के पक्ष का जोर-शोर से समर्थन किया था। और वह बड़े भावावेश से शान्ति के लाभों का वर्णन कर रहा था, जिनका उसे वालेनस्टाइन की सुन्दरी कन्या के साथ कैम्प की ओर यात्रा करने के दिनों में ज्ञात हुआ था। उसके रंगमंच से जाने के बाद, उसका पिता (आक्टेवियो) और दरबारी क्वेस्टनबर्ग भयविह्वल अवस्था में दिखाए गए हैं। पांचवां दृश्य आगे इस तरह जारी रहता है:

क्वेस्टनबर्ग : हां, यह क्या होता है?

मित्र, क्या हम उसको चलने दें
इस भ्रम में? जाने दें अपने हाथों से?
न बलाएं उसको फौरन वापस, और
न खोलें उनकी आंखें तुरन्त अभी?

आक्टेवियो : (गहरी विचार-निद्रा से जागता हुआ)
उसी ने खोली अब मेरी,
दिखता मुझको अनभाता भी

क्वेस्टनबर्ग :वह क्या, मित्र?
आक्टेवियो : वज्र गिरे इस यात्रा पर!
क्वेस्टनबर्ग : पर क्यों ऐसा कहते हो? क्या बात हुई?
आक्टेवियो : आओ, आओ, मित्र, चलूंगा ही मैं,
तुरन्त, जहां अपशकुन मुझे ले जाता,
और निज नयनों से ही देखूगा-आओ मेरे साथ अभी!

क्वेस्टनबर्ग : अभी कहां जाओगे तुम?

आक्टेवियो : (जल्दी में) उसी तरुणी के पास!

क्वेस्टनबर्ग : कहां...

आक्टेवियो : (अपनी गलती सुधारता हुआ) अरे ड्यूक के पास! आओ फौरन!

आक्टेवियो कहना चाहता था, 'उसी ड्यूक के पास!' पर उसकी ज़बान फिसल जाती है और वह 'उसी तरुणी के पास' शब्दों से (कम-से-कम हमें तो) यह जतला देता है कि उसने उस प्रसिद्ध तरुण योद्धा की शांतिपक्षीय प्रेरणाओं के पीछे कार्य कर रहे प्रभाव को साफ तौर से पहचान लिया है।

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