कहानी संग्रह >> अच्छा हुआ मुझे शकील से प्यार नहीं हुआ अच्छा हुआ मुझे शकील से प्यार नहीं हुआमीनाक्षी स्वामी
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बहुत ही शांत और निरुद्वेग ढंग से स्वयं को सृजन में एकाग्र रखने वालों में एक नाम मीनाक्षी स्वामी का है...
मीनाक्षी स्वामी के इस संग्रह में 13 कहानियां हैं।
वैसे इन कहानियों में प्रश्न जरूर पुराने हैं लेकिन उन प्रश्नों के संदर्भ इतने अधिक बदले हुए और नए हैं कि उनके उत्तर उद्विग्न करते हैं। और दिलचस्प बात यही है कि मीनाक्षी उस उद्विग्नता को लेखकीय दृढ़ोक्ति की तरह कथा के स्थापत्य में ब्रह्मस्थल में रख देती हैं और लगे हाथ यह यकीन भी पैदा करती चलती हैं कि हमेशा अनुभवों को संवेदना के एक ऐसे संभव व संप्रेष्य रूप में रखा जाना चाहिए कि समूचा कथानक भारतीय स्त्री के प्रतिनिधि प्रश्नों की परिधियों के पार भी जा सके। इस युक्ति से वे अपने लेखन को बचा भी ले जाती हैं।
वैसे इन कहानियों में प्रश्न जरूर पुराने हैं लेकिन उन प्रश्नों के संदर्भ इतने अधिक बदले हुए और नए हैं कि उनके उत्तर उद्विग्न करते हैं। और दिलचस्प बात यही है कि मीनाक्षी उस उद्विग्नता को लेखकीय दृढ़ोक्ति की तरह कथा के स्थापत्य में ब्रह्मस्थल में रख देती हैं और लगे हाथ यह यकीन भी पैदा करती चलती हैं कि हमेशा अनुभवों को संवेदना के एक ऐसे संभव व संप्रेष्य रूप में रखा जाना चाहिए कि समूचा कथानक भारतीय स्त्री के प्रतिनिधि प्रश्नों की परिधियों के पार भी जा सके। इस युक्ति से वे अपने लेखन को बचा भी ले जाती हैं।
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