लेख-निबंध >> जीप पर सवार इल्लियाँ जीप पर सवार इल्लियाँशरद जोशी
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शरद जोशी के व्यंगात्मक निबंधों का संग्रह...
कुछ दिनों बाद नगर की राजनीतिक हलचलों पर अखबारों में यों खबरें आईं :
''दिल्ली में हो रही घटनाओं को लेकर विगत दिनों नगर के कांग्रेसी क्षेत्रों
में काफी राजनीतिक हलचलें देखी गईं। स्पष्ट रूप से दो दल नजर आ रहे हैं।
पुराने कांग्रेसी नेता बाबू रतनसिंह सुराजी ने दल में बढ़ती अनुशासनहीनता से
दुखी होकर त्याग-पत्र दे दिया है। कुछ और व्यक्तियों के टूटने की सम्भावना
है।''
गत शनिवार नगर कांग्रेस द्वारा आयोजित आम-सभा में श्री किशनलाल आर्यभक्त ने
कहा कि अगर कांग्रेस जनता से दूर हो जाएगी तो डूब जाएगी। युवक नेता नवलकिशोर
प्रेमी ने कहा कि कांग्रेस के टूटने के लक्षण (काफी पहले से) दिखाई दे रहे थे
और नेताओं को आगाह किया जा चुका था, मगर खेद है कि तब किसी ने इस ओर ध्यान
नहीं दिया। आपने कहा कि अब वक्त आ गया है जब कांग्रेस युवकों को सौंप दी जाए
और पुराने नेता हट जाएँ। श्री लालाराम गौड़ ने अपने लम्बे भाषण में बताया कि
किस प्रकार देश की आजादी में कांग्रेस ने योग दिया। सभा में सर्वश्री बदरी
भैया पंसारे, बजरंगसहाय गुप्त, पन्नालाल तीन सौ आदि नेताओं के भी भाषण हुए।
सबने कांग्रेस की एकता पर जोर दिया।
फिर राजनीतिक हलचलें हुई। फिर वही हुआ। फिर खबर छपी। इस बार भी नेताओं ने वही
भाषण दिए। थोड़ा अन्तर था। नवलकिशोर प्रेमी ने कहा कि हमने नेताओं से कह दिया
था कि कांग्रेस के सामने समाजवाद के अलावा कोई रास्ता नहीं है, मगर तब किसी
ने नहीं सुना। अब वक्त आ गया है जब कांग्रेस युवकों को सौंप दी जाए। शेष भाषण
वैसे ही रिपोर्ट किए गए। जोर समाजवाद पर था। सभा की विशेष बात थी कि पुराने
कांग्रेसी नेता बाबू रतनसिंह सुराजी, जिन्होंने बढ़ती अनुशासनहीनता देख
त्याग-पत्र दे दिया था, कांग्रेस के समाजवादी उद्देश्यों से सहमत हो वापस
कांग्रेस को मजबूत बनाने आ गए।
सभा की अध्यक्षता विश्वबन्धु जिला-गांधी ने की। वे विधवाश्रम के कार्यक्रमो
से आ गए हैं और सक्रिय हैं।
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