इतिहास और राजनीति >> भारत की एकता का निर्माण भारत की एकता का निर्माणसरदार पटेल
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स्वतंत्रता के ठीक बाद भारत की एकता के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा देश की जनता को एकता के पक्ष में दिये गये भाषण
अगर हमें अच्छी फौजें रखनी
हों, तो उसके लिए हमें कितनी चीजें चाहिएं, यह समझ लेना चाहिए। यह भी जान
लेना चाहिए कि लड़ाई में क्या सामान काम आता है। वैसे तो, हमारे बहुत-से
सोल्जर्स (सिपाही) पिछली लड़ाई से डीमोबिलाईज़ (सेना से मुक्त होकर) होकर आए
हैं, उनसे पूछो कि क्या-क्या चीज़ चाहिए। पहले तो सोल्जर के पास बन्दूक
चाहिए। वह बन्दूकें हमारे यहां कितनी हैं और कहां बनती हैं? आज नौजवान
कहते हैं कि हमको भर्ती करो। हमें काश्मीर जाना है, हमें यह करना है, हमें
वह करना है। लेकिन स्ट्राइक से तो यह नहीं चलेगा। भर्ती कर नौजवान को तो
तालीम देनी पड़ती है और तालीम के साथ उसको फिट बनाकर उसे बन्दूक भी देनी
पड़ती है। बन्दूक के साथ गोला-बारूद देना पड़ता है। वह सब कहाँ से आता है?
बन्दूकों के लिए और लड़ाई के लिए जितनी सामग्री चाहिए, उसके लिए हमें
कारखाने बनाने पड़ेंगे। उन कारखानों में यदि कम सामान बनता हो, तो हमें
वहाँ २४ घंटे काम करना होगा या दो शिफ्टों से काम करना होगा। अरे, वह तो
कहते हैं कि स्ट्राइक करो। यही हालत रही तो हमारा काम कैसे चलेगा? एक तो
यह बात है।
दूसरी बात यह है कि आज के युग
में फौज को लड़ाई के मैदान में ले जाने के लिए हजारों ट्रक्स चाहिए। उसके
लिए मोटर-लारी और जीपें चाहिएँ, वह पैदल का काम नहीं है। अपनी फौज को हमें
जल्दी-से-जल्दी ले जाना है, पहाड़ों पर ले जाना है, और जगह पर ले जाना है।
अब जो यह हजारों ट्रक्स चाहिए वे कहाँ बनें? उसके लिए हमें मज़दूर चाहिए।
अब इधर मज़दूरों को भी कोई सिखलाता है कि ज्यादा पैदा करो? वही तो बड़ी
मुश्किल बात बन जाती है।
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- वक्तव्य
- कलकत्ता - 3 जनवरी 1948
- लखनऊ - 18 जनवरी 1948
- बम्बई, चौपाटी - 17 जनवरी 1948
- बम्बई, शिवाजी पार्क - 18 जनवरी 1948
- दिल्ली (गाँधी जी की हत्या के एकदम बाद) - 30 जनवरी 1948
- दिल्ली (गाँधी जी की शोक-सभा में) - 2 फरवरी 1948
- दिल्ली - 18 फरवरी 1948
- पटियाला - 15 जुलाई 1948
- नई दिल्ली, इम्पीरियल होटल - 3 अक्तूबर 1948
- गुजरात - 12 अक्तूबर 1948
- बम्बई, चौपाटी - 30 अक्तूबर 1948
- नागपुर - 3 नवम्बर 1948
- नागपुर - 4 नवम्बर 1948
- दिल्ली - 20 जनवरी 1949
- इलाहाबाद - 25 नवम्बर 1948
- जयपुर - 17 दिसम्बर 1948
- हैदराबाद - 20 फरवरी 1949
- हैदराबाद (उस्मानिया युनिवर्सिटी) - 21 फरवरी 1949
- मैसूर - 25 फरवरी 1949
- अम्बाला - 5 मार्च 1949
- जयपुर - 30 मार्च 1949
- इन्दौर - 7 मई 1949
- दिल्ली - 31 अक्तूबर 1949
- बम्बई, चौपाटी - 4 जनवरी 1950
- कलकत्ता - 27 जनवरी 1950
- दिल्ली - 29 जनवरी 1950
- हैदराबाद - 7 अक्तूबर 1950