इतिहास और राजनीति >> भारत की एकता का निर्माण भारत की एकता का निर्माणसरदार पटेल
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स्वतंत्रता के ठीक बाद भारत की एकता के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा देश की जनता को एकता के पक्ष में दिये गये भाषण
इसी तरह से मैं कहता हूँ कि
हिन्दुस्तान में जो धन धरती में भरा है, उसे खोद-खोदकर हमें निकालना है।
यहाँ इतना धन भरा है, जो कभी किसी ने देखा नहीं होगा। और मुल्कों में इतना
धन नहीं, जितना हमारी धरती मै भरा है। उसको हमें निकालना है। लेकिन इसके
लिए हमें मेहनत करनी पड़ेगी। एक तरफ आप मजदूरों से कहें कि काम कम करो और
दाम ज्यादा मांगो। इस तरह तो आप इनसालवेंसी (दिवाला) निकालोगे। इस तरह देश
का काम नहीं चलेगा। मैं तो असल में मजदूरों का भी भला चाहता हूँ।
लेकिन भला कैसे होगा? भला इस
तरह होगा कि हम रुपया पैदा करें, और फिर उसे आपस में बाँट लें। लेकिन अगर
हम कुछ पैदा ही नहीं करें, तो न कुछ मजदूर को मिलेगा, न धनी को मिलेगा, न
हमको मिलेगा।
बार-बार कहा जाता है कि हमें
लीडरशिप चाहिए। नेतागीरी तो आज मुल्क में रास्ता बन गया है। किसी को नेता
बनना हो तो पहले कोई स्पीच करो, कैपिटलिस्ट लोगों को गाली दो। उसके बिना
तो चलता नहीं। लोग मानते ही नहीं। कैपिटलिस्ट को दो गाली दो, तो एक-दो
गाली, जो सामने बैठा है, उसको दो और एक-दो गाली राजाओं को दो। बस, फिर
लीडरशिप मिल गई। मगर इस तरह की लीडरशिप से किसी का क्या भला होगा? मैं
राजाओं से भी कह सकता हूँ और बहुत खरी बातें मैं उन्हें सुनाता हूँ। इसी
तरह कैपिटलिस्टों से भी मुहब्बत करता हूँ, लेकिन उनको कड़ी बात भी सुनाता
हूँ। लेकिन अगर मुझे समझ आ जाए कि हमारे मुल्क में एक-एक कैपिटलिस्ट की
कैपिटल खत्म कर देने से हिन्दुस्तान का भला होगा, तो उसे खत्म कर देने में
मेरा नम्बर पहला होगा। मैं पीछे नहीं रहूंगा।
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- वक्तव्य
- कलकत्ता - 3 जनवरी 1948
- लखनऊ - 18 जनवरी 1948
- बम्बई, चौपाटी - 17 जनवरी 1948
- बम्बई, शिवाजी पार्क - 18 जनवरी 1948
- दिल्ली (गाँधी जी की हत्या के एकदम बाद) - 30 जनवरी 1948
- दिल्ली (गाँधी जी की शोक-सभा में) - 2 फरवरी 1948
- दिल्ली - 18 फरवरी 1948
- पटियाला - 15 जुलाई 1948
- नई दिल्ली, इम्पीरियल होटल - 3 अक्तूबर 1948
- गुजरात - 12 अक्तूबर 1948
- बम्बई, चौपाटी - 30 अक्तूबर 1948
- नागपुर - 3 नवम्बर 1948
- नागपुर - 4 नवम्बर 1948
- दिल्ली - 20 जनवरी 1949
- इलाहाबाद - 25 नवम्बर 1948
- जयपुर - 17 दिसम्बर 1948
- हैदराबाद - 20 फरवरी 1949
- हैदराबाद (उस्मानिया युनिवर्सिटी) - 21 फरवरी 1949
- मैसूर - 25 फरवरी 1949
- अम्बाला - 5 मार्च 1949
- जयपुर - 30 मार्च 1949
- इन्दौर - 7 मई 1949
- दिल्ली - 31 अक्तूबर 1949
- बम्बई, चौपाटी - 4 जनवरी 1950
- कलकत्ता - 27 जनवरी 1950
- दिल्ली - 29 जनवरी 1950
- हैदराबाद - 7 अक्तूबर 1950