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मनोरंजक कथाएँ >> अलादीन औऱ जादुई चिराग

अलादीन औऱ जादुई चिराग

ए.एच.डब्यू. सावन

प्रकाशक : मनोज पब्लिकेशन प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :16
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4779
आईएसबीएन :81-310-0200-4

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अलादीन की रोचक एवं मनोरंजक कहानी का वर्णन


“अदब से बात कर अलादीन!” बैसूफा गुस्से में तमतमा कर बोला-“इस वक्त तू दुनिया की सबसे ताकतवर हस्ती के सामने खड़ा हुआ है।”
“मैं तो बस इतना जातना हूँ कि इस वक्त मैं दुनिया के सबसे नीच और शैतान आदमी के सामने खड़ा हूँ।” अलादीन तिरस्कार के लहजे में बोला।
बैसूफां खुद पर काबू रखते हुए शहजादी की ओर मुखातिब होकर बोला-“शहजादी तुम्हारा शौहर तो पागल है, लेकिन तुम मुझे समझदार लगती हो। मैं तुम्हें छोड़ दूंगा लेकिन इसके लिये तुम्हें अलादीन को छोड़कर सेनसन को अपना खाबिन्द कबूल करना होगा।”
उसकी बात सुनकर मारे गुस्से के शहजादी के तन-बदन में आग लग गयी। वह गरज कर बोली-“खामोश रह शैतान, इस कुत्ते को तो मैं अपने पैर की जूती भी नहीं बना सकती।”
उसकी बात सुनकर बैसूफा का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया, वह दांत पीसकर बोला-“ओह, तो तुम दोनों भी उन तमाम बदनसीब आदमियों में से एक निकले जिन्हें मैं पत्थर की मूर्तियां बना देता हूँ। अब मैं तुम दोनों को भी उन्हीं में शामिल करने जा रहा हूँ।”
सेनसन, बैसूफा की बात सुनकर बड़ा खुश हुआ। बैसूफा ने आंखें बंद करके एक मंत्र फेंका। अलादीन फौरन ही पत्थर की एक बेजानं मूर्ति में बदल गया।
शहजादी ने यह देखा तो वह ‘मेरे सरताज, मेरे सरताज कहतीं हुई मूर्ति से जा लिपटी।
बैसूफा और सेनसन ने जोरदार ठहाका लगाया। इसके बाद बैसूफा ने शहजादी से फिर कहा-“देख तूने अपने शौहर का अन्जाम तो देख ही लिया है। इसके बाद तेरी हिफाजत करने वाला कोई नहीं रह गया। अगर तू ज़िन्दगी चाहती है तो मेरी बात पर फिर से गौर कर और सेनसन को अपना शौहर मान ले-वरना तेरा भी वही अन्जाम होगा जो अलादीन का हुआ है।”
गुस्से और दुःख से शहजादी की आंखों में खून उतर आया वह बैसूफा के आगे थूकती हुई बोली-“कमीने एक पाक दामन औरत एक बार जिसे अपना शौहर मान लेती हैं सारी उम्र उसे ही शौहर मानती है। तू अगर मेरे जिस्म के टुकड़े-टुकड़े भी कर दे तो भी हर टुकड़े में से अलादीन का ही नाम निकलेगा।"
नूरमहल के इस रवैये पर बैसूफा आगबबूला हो उठा। पहले तो वह शहजादी को जिन्दा रखकर उसे सेनसन को सौंपने की सोच रहा था, लेकिन शहजादी के रवैये ने उसकी सोच बदल दी। उसने मंत्र फेंककर शहजादी को भी मूर्ति में बदल दिया और जोरदार ठहाका लगाकर बोला-“हम महान हैं, दुनिया में कोई हमारा मुकाबला नहीं कर सकता।”
हालांकि शहजादी का पत्थर की मूर्ति में बदले जाना सेनसन को अच्छा नहीं लगा था, लेकिन वह फिर भी अपने उस्ताद के आगे कुछ कह नहीं सकता था। वह बोला-“आप सचमुच महान हैं। आप खुदा हैं। कोई भी आपका मुकाबला नहीं कर सकता।”

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