नाटक-एकाँकी >> लहरों के राजहंस (सजिल्द) लहरों के राजहंस (सजिल्द)मोहन राकेश
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सांसारिक सुखों और आध्यात्मिक शांति के पारस्परिक विरोध...
अश्वघोष
पात्र
श्वेतांग : कर्मचारी
श्यामांग : कर्मचारी
सुंदरी : नंद की पत्नी
अलका : दासी
शशांक : गृहाधकारी
नंद : बुद्ध का सौतेला भाई
मैत्रेय : नंद का एक मित्र
नीहारिका : दासी
भिक्षु आनंद : बुद्ध का शिष्य
स्थान, समय
अंक 1 : कपिलवस्तु । राजकुमार नंद के भवन में सुंदरी का कक्ष । रात उतरने का
समय।
अंक 2 :वही कक्ष । प्रत्यूष से कछ पहले।
अंक 3 :वही कक्ष | अगली रात ।
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