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दीक्षा

नरेन्द्र कोहली

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2005
पृष्ठ :192
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 2878
आईएसबीएन :81-8143-190-1

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राम कथा पर आधारित उपन्यास...

सीता के साथ विवाह?

बड़ा जटिल प्रश्न है। अयोध्या से चलने के पूर्व, पिता दशरथ भी राम के विवाह के विषय में ही चर्चा कर रहे थे। पिता किसके साथ उनका विवाह करना चाहते हैं? और गुरु किसके साथ? राम के विवाह के लिए उपयुक्त पात्र चुनने का अधिकार किसको है-पिता को? गुरु को?? अथवा स्वयं राम को???...और कहीं राम का मन कहता है-यह अधिकार राम को है, केवल राम को है, केवल राम को। और किसी को भी नहीं।...यह निर्णय राम को ही लेना होगा...राम को...राम गुरु विश्वामित्र की बात का पूर्ण विश्वास कर सकते हैं...

सहसा राम का चिंतन-प्रवाह रुक गया।

वे इस ढंग से क्यों सोच रहे हैं? क्या 'सीता ने उनसे निवेदन किया है कि वह मुसीबत में फंसी हुई है, राम आकर उसका उद्धार करें? क्या राम सीता पर दया कर, उसका उद्धार करने के लिए उससे विवाह करना चाहते हैं? क्या राम सीता से विवाह कर, उस पर अहसान कर रहे हैं, उसके प्रति करुणा का अनुभव कर अपना बलिदान कर रहे हैं? ऐसा तो नहीं है। वह इस ढंग से क्यों सोच रहे हैं, जैसे सीता जड़-निष्प्राण वस्तु हो-जैसे उसकी अपनी कोई इच्छा, पसंद, चुनाव, भावना कुछ भी न हो। मानो वह इस प्रतीक्षा में बैठी हो कि राम आकर उसका उद्धार करें...राम को यह क्या हो रहा है...वह स्वयं को अति-मानव क्यों समझने लगे हैं...ठीक है कि सीता वीर्य शुल्का है। जो पुरुष सम्राट् सीरध्वज की शर्ते पूरी करेगा, वह सीता को प्राप्त करने का अधिकारी होगा; किंतु राम अपने योग्य, अपने चिंतन, आदर्शों और जीवन-लक्ष्य की सहभागिनी पत्नी चाहते हैं? क्या सीता की अनिच्छा होने पर भी राम उसे प्राप्त करना चाहेंगे...?

नहीं! नहीं!

तो राम को दूसरे ढंग से भी सोचना होगा।

ऐसा नहीं है कि राम युवावस्था को प्राप्त हो गए हैं और उनको एक राजकन्या पत्नी के रूप में चाहिए। इसलिए, जहां-कहीं एक सुंदर मुखड़ा देखें, उससे विवाह कर लें।...राम का जीवन एक लक्ष्य को समर्पित है। उनकी अपनी चिंतन-पद्धति है, उनका अपना दर्शन है। उन्हें विवाह

के लिए ऐसी संगिनी का चुनाव करना होगा, जो उनके जीवन-लक्ष्य को स्वीकार कर सके...उनकी आयु पच्चीस वर्षों की हो चुकी है। पिता, कहीं न कहीं उनका विवाह करना ही चाहेंगे...तो वे अपने उपयुक्त पत्नी का चुनाव क्यों नहीं कर लेते...

उपयुक्त पत्नी। सीता?

पर सीता की इच्छा? क्या सीता जानती है कि अयोध्या के राजकुमार गुरु विश्वामित्र के साथ यहां आए हैं? क्या किसी ने उसे बताया है कि विश्वामित्र उसे राम के लिए उपयुक्त पत्नी समझते है? क्या उसने कभी यह सोचा है कि बहुत सारे चिंतन-मनन के बाद, राम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि सीता, केवल सीता ही उनकी उपयुक्त जीवन-संगिनी हो सकती है...

कौन पूछे सीता से?

कौन सीता की इच्छा का पता लगाए?

कौन कहेगा जाकर सीता से?

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    अनुक्रम

  1. प्रधम खण्ड - एक
  2. दो
  3. तीन
  4. चार
  5. पांच
  6. छः
  7. सात
  8. आठ
  9. नौ
  10. दस
  11. ग्यारह
  12. द्वितीय खण्ड - एक
  13. दो
  14. तीन
  15. चार
  16. पांच
  17. छः
  18. सात
  19. आठ
  20. नौ
  21. दस
  22. ग्यारह
  23. वारह
  24. तेरह

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