जीवन कथाएँ >> लज्जा लज्जातसलीमा नसरीन
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प्रस्तुत उपन्यास में बांग्लादेश की हिन्दू विरोधी साम्प्रदायिकता पर प्रहार करती उस नरक का अत्यन्त मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया गया है...
25 अप्रैल को बरिशाल जिले में उजिरपुर उपजिला के गुटिया गाँव में पुलिस ने कीर्तन करते सोलह हिन्दुओं को गिरफ्तार किया। वे सब के सब दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूर थे।
राष्ट्रधर्म बिल पास होने के बाद जैसोर जिले में अभयनगर उपजिला के सिद्धिरपाशा गाँव के हिन्दू 20 हजार रुपये फी बीघा कीमत की जमीन सात-आठ हजार रुपये बीघा बेचकर भारत जा रहे थे। क्योंकि वहाँ के कुछ लोगों ने प्रचारित किया था कि हिन्दुओं की सम्पत्ति अब बेची नहीं जा सकेगी। इस पर गाँव के माधव नन्दी बाकी हिन्दुओं को समझाने की कोशिश कर रहे थे कि उनकी बातों में आकर अपनी जमीन-जायदाद मत बेचिए। इसके कुछ ही दिनों बाद आधी रात को माधव नन्दी के घर पर बारह-चौदह लोगों ने हमला कर दिया। उन सब के हाथों में कटारी, बल्लम आदि थे। हमलावरों ने माधव नन्दी की सात महीने की गर्भवती पुत्रवधू और जवान लड़की के साथ बलात्कार किया।
कुष्टिया के खोकसा उपजिला के देवेन विश्वास पर पन्द्रह मई को गोली चलाई गयी। इसकी शिकायत भी दर्ज की गयी लेकिन आज तक कोई गिरफ्तार नहीं हुआ।
1988 में 12 और 16 अगस्त को पुलिस ने सशस्त्र युवकों को साथ लेकर बागेरहाटा जिले में चितलमारी उपजिला के गरीबपुर गाँव पर हमला किया। उन्होंने मंदिर की देवमूर्ति को तोड़ डाला, लड़कियों की इज्जत लूटी। बीस-इक्कीस लोगों को बेतहाशा पीटने के बाद रुपया ऐंठ कर छोड़ा। नारायण वैरागी, सुशान्त ढाली, अनुकूल बाड़ई, रंजन ढाली, जगदीश वैरागी काफी दिनों तक जेल में रहे।
चारबालीयाड़ी गाँव में भी इसी तरह का हमला हुआ। पन्द्रह-सोलह व्यक्तियों को जेल में बंद करके रुपया वसूलने के बाद छोड़ा गया। हिजला और बड़वाड़िया गाँव में भी आठ-नौ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, उन पर जुल्म ढाया गया, अंत में रुपयों के बदले उन्हें मुक्ति मिली।
सातक्षीरा के ताला उपजिला में पारकुमिरा गाँव के रवीन्द्रनाथ घोष की किशोरी लड़की छन्दा के साथ, जो तीसरी कक्षा में पढ़ती है, गाँव के ही स्कूल शिक्षक ने बलात्कार किया। 1979 में 16 मई को यह घटना घटी। उस दिन, रात में छन्दा अपने परिवार के सदस्यों के साथ बरामदे में सोई हुई थी, आधी रात को उसका स्कूल मास्टर नईमुद्दीन कुछ लोगों को साथ लेकर आया और जबरदस्ती छन्दा को उठा ले गया। बगल के एक बगीचे में ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया। दूसरे दिन सुबह छन्दा खून से लथपथ अचेत हालत में मिली। उसे सातक्षीरा अस्पताल में दाखिल कराया गया। ताला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराये जाने पर भी अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं किया गया।
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