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लज्जा

तसलीमा नसरीन

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :176
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 2125
आईएसबीएन :81-7055-777-1

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प्रस्तुत उपन्यास में बांग्लादेश की हिन्दू विरोधी साम्प्रदायिकता पर प्रहार करती उस नरक का अत्यन्त मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया गया है...


शायद काजल दा ही बुला रहे हैं। माया इसी तरह पुकारती है, 'भैया आओ, खाना लगा दिया है, खा लो।' रात को वह माया के दिये नोट को तुड़वायेगा। कुछ नींद की गोली लेगा। उसे लगा, वह कितने दिनों से नहीं सोया। रात होते ही खटमल काटते हैं, सारे बिस्तर में खटमल भरे हैं। बचपन में सुरंजन देखता था, किरणमयी हाथ-पंखे से ठोंक-ठोंककर खटमल मारती थीं। माया से कहकर आज रात में ही कमरे के सारे खटमलों को मार डालना होगा। वे सारी रात उसे काटते रहते हैं। सुरंजन का माथा फिर सुन्न होने लगता है। उल्टी आती है। उनमें से किसी ने कहा, 'उसका घर राजबाड़ी में है।' संभवतः यह तापस की आवाज है, 'हमारे यहाँ तीस मंदिरों और उनके आसपास के मकानों में आग लगा दी गयी। तुरंत एक आवाज़ शाम के नशे में धुत बड़बड़ायी, ‘नोवाखाली की खबरें बताता हूँ, सुनो, सुंदलपुर गाँव में सात घरों और अधरचाँद आश्रम को लूटकर आग लगा दिया। भगनान्द गाँव में तीन घरों में लूटपाट करके आग लगा दिया। गंगापुर गाँव के तीन घरों को जलाकर राख कर दिया। रागरगाँव, दौलतपुर गाँव, घोषबाग, माइजदी, सोनारपुर काली मंदिर, विनोदपुर, अखाड़ा, चौमुहनी काली मंदिर, दुर्गापुर गाँव, कुतुबपुर, गोपालपुर, सुलतानपुर का अखण्ड आश्रम, छयानी बाजार के कई मंदिरों को तोड़ डाला। बाबूपुर तेतुइया, मेहंदीपुर, राजगंज बाजार, टेगिरपाड़ा, काजिर हाट, रसूलपुर, जमींदार हाट, चौमुहनी, पोड़ाबाड़ी, भवभद्री गाँव के दस मंदिरों व अठारह घरों को जला दिया। कम्पनी गंज के बड़राजपुर गाँव में उन्नीस घरों को लूटा गया और लड़कियों को लेकर अनकही घटनाएँ घटीं। रामदी गाँव में आज विप्लव भौमिक को कटार से काट दिया गया।

काश! सुरंजन रुई से अपने दोनों कान बंद कर सकता। चारों तरफ बाबरी मस्जिद का प्रसंग, चारों तरफ तोड़-फोड़ और आग की बातें। काश! सुरंजन को कोई एकांत जगह मिल पाती। इस वक्त मयमनसिंह का चले जाना अच्छा होता। इस तरह की तोड़-फोड़ वहाँ कम होती है। सारा दिन वह अगर ब्रह्मपुत्र में नहा सकता तो शायद उसके शरीर की जलन थोड़ी कम होती। वह झटके से उठकर खड़ा हो जाता है। कमरे के काफी लोग इतनी देर में चले गये हैं। सुरंजन भी जाने के लिए पैर बढ़ाता है। काजल दा ने कहा, 'टेबल पर खाना रखा है, खा लो। असमय में सो गये। तबीयत खराब है?'

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