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मिस आर - आरंभ

दिशान्त शर्मा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 15962
आईएसबीएन :978-1-61301-699-2

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भारत  की  पहली  महिला  सुपर हीरोइन ‘मिस -आर' जो खुद एक बलात्कार पीड़िता और एसिड पीड़िता है लेकिन उसकी ‘औरा पावर’ ने उसे एक नया अवतार दिया है। वो खुद की और लोगों की मदद करना चाहती है...

“नहीं, मुझे नहीं लगता है कि वे बाबा कुछ बुरे लोगों में से हैं, वे निश्चित तौर पर रहस्यमयी हैं, मैंने भी कई बार उनकी पहचान करने की कोशिश की परंतु असफल रहा।” प्रथम भिक्षु ने द्वितीय भिक्षु के दोनों प्रश्नों का उत्तर एकबार में देते हुए कहा।

“उस कन्या को तपशाला तक लाने का मार्गदर्शन राजशेखर ही करेगा न?”

“निश्चित तौर पर।”

“शायद आपको आश्चर्य हो रहा होगा कि जब मैं स्वयं भविष्यदर्शक हूँ तो फिर मैं आपसे क्य़ों पूछ रहा हूँ? परन्तु जब से मैं उन बाबा के व्यक्तित्व का सत्यापन कर सकने में असफल हुआ हूँ, तब से मैं किसी और की भविष्यवाणी सुनने हेतु लालायित था और आप से अधिक योग्य भविष्यदर्शक कम ही हैं।” द्वितीय भिक्षु के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान तैर गई।

पहले भिक्षु का चेहरा अब भी भावहीन था, कुछ क्षण बाद उन्होंने कहा, “यह स्वाभाविक प्रतिक्रिया है, कई बार मुझे भी स्वयं के विद्या ज्ञान पर संदेह होता है।”

अगले कई मिनटों तक कोई भी नहीं बोला, अचानक प्रथम भिक्षु ने आसमान की तरफ देखा और कुछ क्षण निरंतर देखने के बाद अपने पहने हुए भगवा वस्त्र को ठीक किया और मुड़कर पगडण्डी के रास्ते पर चले गये।

वहीं दूसरे भिक्षु का चेहरा नीचे भूमि की तरफ झुका हुआ था, चेहरे पर अब भी भावहीनता ही नजर आ रही थी। 10 मिनट तक एकटक देखने के बाद, वह भी अपने मार्ग पर चल पड़े परंतु जाने से पूर्व मुँह खोलकर उन्होने एक ही चीज कही, “ईश्वर इस कन्या की रक्षा करे।”


कैलाश-मानसरोवर से बहुत दूर स्थित राजस्थान (भारत) के कृष्ण विहार की 7, महात्मा गाँधी रोड (एम.जी.रोड) के एक घर का माहौल आज काफी शान्त है, यह कालोनी आम तौर पर घनी बसी हुई कही जा सकती है।

I-25 नंबर के इस घर का नाम “कैथरीन विला” है, यह एक क्रीमी रंग से रंगा हुआ 150 गज का एक घर है, जिस के अहाते में एक कार और एक मोटरसाइकिल खड़ी है, घर के मुख्य द्वार पर छोटे से बगीचे में गुलाब, गेंदा जैसे फूलों की क्यारियाँ हैं और एक टेबल व 2 आरामदेह कुर्सियाँ लगी हैं, जिन में एक पर एक 50-55 साल का एक व्यक्ति बैठा हुआ है, उसका कद लंबा है और शरीर सामान्य आकार का है, सर के बालों की कलम थोड़ी-थोड़ी सफेद दिखाई दे रही है। वस्त्र के नाम पर उस व्यक्ति ने एक पायजामा और टी शर्ट पहन रखी है। उसके पैरों में घरेलू चप्पलें हैं।

“चाय आज ही मिलेगी ना।” उस व्यक्ति ने एकाएक अंदर की तरफ देखते हुए कहा, इस दौरान उस की आवाज में एक प्यार भरी मधुरता थी।

“ला.....ई....पा....पा...” अन्दर से एक दबी हुई, बैठी हुई सी आवाज आई जैसे किसी का गला बुरी तरह से बैठा हुआ हो। यह आवाज निश्चित तौर पर एक लड़की की थी।

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    अनुक्रम

  1. अनुक्रमणिका

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