लोगों की राय

नारी विमर्श >> नारी कामसूत्र

नारी कामसूत्र

विनोद वर्मा

प्रकाशक : राधाकृष्ण प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :343
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 13567
आईएसबीएन :9788183615242

Like this Hindi book 0

काम को आत्मज्ञान की चरम सीमा तक ले जाना ही इस पुस्तक का ध्येय है


इस पुस्तक का सैद्धांतिक आधार सांख्य-दर्शन है जो योग तथा आयुर्वेद का आधार भी है। पुस्तक का व्यावहारिक पक्ष योग, आयुर्वेद तथा विवेक लिया गया है और साथ ही यह आधुनिक प्रौद्योगिकी प्रभावित जीवन व इससे उत्पन्न परिणामों के संदर्भ में किए गए शोध पर भी आधारित है। पुस्तक का विषय ग्यारह प्रमुख भागों में विभाजित है। प्रत्येक भाग में ग्यारह सूत्र हैं। पुस्तक में चार परिशिष्ट भी हैं। इनमें पाठकों को मूल दार्शनिक आधारों तथा क्रियाकलापों के विभिन्न व्यावहारिक पक्षों, जड़ी-बूटियों व होम्योपैथी नुस्खों की जानकारी दी गई है। भाग-दो नर तथा नारी की शाश्वत ऊर्जा को समझने के लिए तथा इन दो प्रमुख ब्रह्मांडीय शक्तियों को समझने के लिए नर-नारी तत्त्वों का एक नया सिद्धांत प्रस्तुत करता है। भाग-दो को भली प्रकार समझने के लिए पाठकों से निवेदन है कि वे प्रथम परिशिष्ट का अध्ययन कर लें। परिशिष्ट २ या ३ का पालन व्यक्ति की अपनी व्यावहारिक आवश्यकतानुसार किया जाना चाहिए। सभी आवश्यक योगाभ्यासों तथा आयुर्वेदिक उपचारों का एक ही खंड में वर्णन करना संभव नहीं है। अतः पाठकों की सुविधा के लिए दूसरी पुस्तकों के संदर्भ उपयुक्त स्थान पर दिए गए हैं।
यह पुस्तक ब्रह्मांडीय शक्तियों तथा हमारे वातावरण के साथ सामंजस्य स्थापित कर सुखमय जीवन व्यतीत करने के संदेश के प्रसार के लिए 'नाऊ' (NOW-अभिनव स्वास्थ्य संस्थान) के प्रयासों की श्रृंखला में एक कड़ी है। मानव इतिहास में नारियों ने ऐसे प्राचीन मूल्यों को स्थापित रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है जो धरती पर शांति तथा सामंजस्य बनाए रखने में सहायक हैं। मैं विश्व की नारियों से प्रार्थना करती हूँ कि वे साहस से काम लेकर उन शक्तियों का सामना करें जो हमें विघटित करके खंडित जीवन जीने के लिए बाध्य करती हैं। नारी इस कार्य को करने का बीड़ा उठाकर इसे नरों की अपेक्षा अधिक सरलतापूर्वक पूरा कर सकती है क्योंकि नर अपने अस्तित्व का पहला क़दम उसके गर्भाशय में ही रखता है।
फरवरी १९९३
-डॉ. विनोद वर्मा
अभिनव स्वास्थ्य संस्थान
ए-१३०, सेक्टर २६, नोएडा, उत्तरप्रदेश
गाँव अस्तल, तहसील डुंडा, जिला उत्तर काशी, उत्तरप्रदेश

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book