"कल रात मैं निरंजन चोपड़ा से मिलने गया था। वहां मैंने उसे वो कागज दिखाया
था जिस पर कि एन. सी. को ब्लैकमेल की कोशिश की तरफ इशारा करती एक तहरीर टाइप
हुई हुई थी और कहा था कि वो कथित एन. सी. वो, यानी कि निरंजन चोपड़ा, था। तब
उसने इस बात से इनकार किया था और दावा किया था कि वो एन. सी. आप थे। इस बाबत
मेरा एतबार क्यों कि निरंजन चोपड़ा पर ज्यादा था इसलिये मैंने ब्लफ मारा था
कि उसकी तरफ इशारा करता हुआ मेरे पास और भी सबूत था।"
"था?"
"नहीं था। तभी तो बोला कि मैंने ब्लफ मारा था।"
"तो?"
“तो उस बात से खौफजदा होने की जगह उसने मेरा पुलन्दा बांध दिया।" .
"क्या बांध दिया?"
"पुलन्दा। उसने किंगकांग के साइज के अपने एक चमचे को बुलाकर मेरी खोपड़ी ठोक
दी और मुझे क्लब से बाहर फिंकवा दिया।"-सुनील ने अपना सिर नीचा करके उसे वहां
बना गूमड़ दिखाया-“ये उस ठुकाई की रसीद है।" ।
चटवाल ने रसीद जांचने की कोई कोशिश न की।
"जनाब, कल मेरे लफ के जवाब मे निरंजन चोपड़ा जैसे मेरे से पेश आया, उससे दो
ही बातें साबित होती हैं। या तो उसके खिलाफ जो कोई भी अतिरिक्त सबूत गोपाल
बतरा के पास था, उसे वो बतरा से खरीद चुका था और या फिर वो वो एन. सी. था ही
नहीं जिसका कि उस तहरीर में जिक्र था।"
“वो नहीं था तो कौन था?" ।
"आपके सवाल का जवाब इस हकीकत में शामिल है कि मैं आपके सामने बैठा हुआ हूं।"
“कौन था?"
"सर, डू आई हैव टू ड्रा यू ए डायग्राम?"
“तुम ये कहना चाहते हो कि वो कथित एन. सी. मैं हूं?"
“आप ये कहना चाहते हैं वो एन. सी. आप नहीं हैं?" ।
"किया क्या है इस एन. सी. ने? क्या था तुम्हारे ब्लैकमेलर के पास इस एन. सी.
के खिलाफ?"
बतरा की उस तहरीर का इशारा इस तरफ था कि एन.सी. ने तीन साल पहले किसी विक्रम
कनौजिया का कत्ल किया था और लाश समुद्र में डुबोकर गायब करने की कोशिश की थी,
लेकिन कोशिश कामयाब नहीं हुई थी।"
"बतरा को इस बात की कैसे खबर थी?"
"मालूम नहीं। जिन्दा होता तो बताता। या आप बताइये?"
"मैं बताऊं?"
"अगर वो एन. सी. आप हैं तो आप की करतूत को आपसे बेहतर और कौन जानता हो सकता
है?"
"मिस्टर. कीप ए सिविल टंग इन युअर माउथ।"
"तो आपकी कारगुजारी को, आपके कारनामे को, आपसे बेहतर और कौन जानता हो सकता
है?" "मैं नहीं जानता। जानता होता तो तुमसे पूछा कि बतरा को इस बात की कैसे
खबर थी! इसी से साबित होता है कि वो एन. सी. मैं नहीं हूं।"
“आप शरीफ और खानदानी आदमी मालूम होते हैं इसलिये मैं आपकी बात पर एतबार कर
सकता हूं। लेकिन निरंजन चोपड़ा ने बड़े दावे से कहा था कि वो एन. सी. आप हैं।
अपनी जिन्दगी में विक्रम कनौजिया ने आपकी बेटी का कबाड़ा-आई रिपीट इन अनसिविल
टंग, कबाड़ा-कर दिया था इसलिये आपने कनौजिया को गोलियों से भून डाला था। आप
के मुकाबले में चोपड़ा एक बदमाश और हल्का आदमी है इसलिये वो झूठ बोलता हो
सकता है लेकिन उसे झूठा आप का कोई स्पष्टीकरण ही सावित कर सकता है जिसे कि
हासिल करने का तमन्नाई बन कर मैं आपके हुजूर में पेश हुआ हूं।"
"तुम्हारा इन बातों से क्या लेना देना है?".
"बंदानवाज. वो एक लम्बी दास्तान है जो उतने वक्त में नहीं बयान की जा सकती"
-सुनील ने सामने पड़ी अपनी घड़ी पर निगाह दौड़ाई- “जो कि आपने मुझे अलाट किया
है। लेकिन इतना फिर भी कहता हूं कि बड़े लोगों से, पब्लिक फिगर्स से ताल्लुक
रखती हर बात न्यूज होती है। आप बड़े लोग हैं, पब्लिक फिगर हैं, काटन-किंग है
इसलिये आपसे ताल्लुक रखती हर बात न्यूज है और न्यूज को चेज़ करना मेरा
कारोबार है।"
“भले ही बात व्यक्तिगत हो?"
"कत्ल व्यक्तिगत नहीं होता। मर्डर इज नाट ओनली ए क्राइम अगेंस्ट एन
इनडिविजुअल । इट इज आल्सो ए क्राइम अगेंस्ट सोसायटी, अगेंस्ट सिस्टम, अगेंस्ट
ह्यूमनिटी। सो ए क्रिमनिल मस्ट बी एक्सपोज्ड एंड पनिश्ड सो दैट क्रिमिनल्स इन
मेकिंग मे लर्न ए लैसन फ्राम इट।"
"तुम तो अपनी अंग्रेजी कमजोर बता रहे थे। अब तो फरटि में बोल रहे हो।"
"सर, यू आर वेस्टिंग माई टाइम।"
"क्या?"-वो भड़का।
“यू हैव आल दि टाइम इन दि वर्ल्ड, बट आई हैव ओनली फाइव मिनट्स।"
“ओह! ओह! देखो मिस्टर....मिस्टर" --उसने सामने पड़े सुनील के कार्ड पर निगाह
डाली और बोला-“सुनील चक्रवर्ती मैंने किसी विक्रम कनौजिया का कत्ल नहीं
किया।"
"कत्ल करना-या कत्ल करवाना एक ही बात होती है।"
"तुम मेरी बात सुनना चाहते हो या पहले की बात पर सवालिया निशान लगाना चाहते
हो?"
"बात सुनना चाहता हूं।"
"तो टोकाटाकी बंद करो और सुनो।"
"सॉरी । सुनाइये।"
"मैंने कनौजिया का कत्ल न किया है, न करवाया है, इसलिये मैं बतरा का एन. सी.
नाम का शिकार नहीं हो सकता। इसलिये मैं बतरा का कातिल भी नहीं हो सकता। मुझे
कहना तो नहीं चाहिये लेकिन फिर भी कह रहा हूं, क्योंकि तुम स्पष्टीकरण चाहने
वाले अखबारनवीस हो, कि बतरा मुझे ब्लैकमेल कर रहा था लेकिन इस वजह से नहीं
क्योंकि मैं कनौजिया का कातिल था। लिहाजा मैं उस तहरीर वाला एन. सी. नहीं हो
सकता जिसका तुमने जिक्र किया। ये महज एक इत्तफाक है कि कनौजिया के जिस कातिल
को बतरा जानता था, उसके नाम के प्रथमाक्षर भी एन. सी. थे।"
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