वास्तु एवं ज्योतिष >> लघुपाराशरी सिद्धांत लघुपाराशरी सिद्धांतएस जी खोत
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2. चंद्रमा का गोचर
2.1 जन्मकालीन सूर्य पर चंद्रमा का गोचर मान-सम्मान व यश को बढ़ाता है। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलने से चित्त प्रसन्न होता है। कभी ज्वैर पीड़ा, पित्त दोष की संभावना बढ़ती है। कभी आवास परिवर्तन या नए दायित्व का भार उठाना आवश्यक होता है।
2.2 जन्मकालीन चंद्रमा पर चंद्रमा का गोचर धन लाभ एवं सुख की वृद्धि करता है। कार्यक्षेत्र में सफलता व प्रतिष्ठा मिलती है। मित्रों व नए संबंधों से धन व मान-वृद्धि होती है। ध्यान रहे, जब कभी कोई ग्रह गोचर वश अपनी जन्मकालिक स्थिति पर आता है तो बहुत शुभ परिणाम मिला करते हैं।
2.3 जन्मकालीन मंगल पर चंद्रमा का गोचर स्वभाव में क्रोध, उद्विग्नता या आवेश की मात्रा बढ़ाता है। कभी क्रोधावेश में मनुष्य अपनी पत्नी, प्रेयसी या महिला सहयोगी से झगड़ा कर महान हानि व अपयश पाता है। बेहतर होगा किसी के उकसाने पर भी धैर्य व संयम से यह सवा दो दिन का समय शांतिपूर्वक, बिना किसी अनिष्ट घटना के निकाल दें। अन्यथा दूरगामी परिणाम आपकी
परेशानी बढ़ाएँगे।
2.4 जन्मकालीन बुध पर चंद्रमा का गोचर लिखाई, पढ़ाई, रिपोर्ट या बातचीत से सफलता देता है। मित्र व सहयोगियों से स्नेह संबंध लाभ बढ़ाते हैं। कभी महिलाओं से भी वांछित सहयोग व सहायता लाभप्रद होती है।
2.5 जन्मकालीन गुरु पर चंद्रमा का गोचरं आर्थिक व सामाजिक स्थिति सुधारता है। धन, मान व प्रतिष्ठा बढ़ने से मन में प्रसन्नता होती है। उन्नति के नए अवसर सहज मिलते हैं। नए काम के लिए ये उपयुक्त समय है। मनोयोग से किया गया प्रयास धन व सफलता देगा। जन-संपर्क या Public Relation का विशेष ध्यान रखें। जनता से धन व यश मिलेगा।
2.6 जन्मकालीन शुक्र पर चंद्रमा का गोचर सुख, वैभव व संपन्नता बढ़ाता है। स्वास्थ्य, सम्मान और सुयश बढ़ने से सभी कुछ बहुत सुंदर जान पड़ता है। कारण, शुक्र लौकिक सुख वैभव दाता है तो चंद्रमा मन है, अतः सुख-वैभव से मन की प्रसन्नता बढ़ना स्वाभाविक है।
2.7 जन्मकालीन शनि पर चंद्रमा का गोचर दुख, चिन्ता व बाधा जनित क्लेश बढ़ाता है। प्रयत्न व प्रयासों में असफलता तथा वृद्धजनों का रोष भी परेशानी बढ़ाता है। कभी पत्नी, प्रेयसी या महिलाओं से मतभेद, वैर-विरोध का रूप लेकर सुख-सुविधाओं में कमी करता है। हाँ, स्वास्थ्य व वाहन सुख बना रहता है यही संतोष की बात है।
2.8 जन्मकालीन राहु पर चंद्रमा का गोचर सामान्य जन पर जातक के व्यक्तित्व की अच्छी छाप छोड़ता है। जीवन को सुखी व समृद्ध बनाने में महिलाओं का विशेष योगदान होता है। कारण, चंद्रमा सुख देनेवाला स्त्री ग्रह जो है।
2.9 जन्म के केतु पर चंद्रमा का गोचर चिन्ता, परेशानी, क्षोभ व उद्विग्नता देता है। कभी माता-पिता से व्यर्थ का मतभेद तो कभी गलत लोगों से संपर्क मानसिक क्लेश व संताप बढ़ाता है। जब अपना चित्त असंतुलित हो तो लोगों से दूर रहने में ही भलाई है अन्यथा मिथ्या कलंक की संभावना बढ़ती है। ध्यान रहे, केतु अग्नितत्व ग्रह तो चंद्रमा जल तत्व शीतल ग्रह है। दोनों का संयोग मन में एक जलन सरीखी अनुभूति देता है।
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