लेखक:
शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय
जन्म : 15 सितम्बर, 1876 ई० तदनुसार 31 भाद्र, 1283 बंगाब्द, आश्विन कृष्णा द्वादशी, सम्वत् 1933, शकाब्द 1798, दिन शुक्रवार, संध्या।
जन्म-स्थान : देवानन्दपुर। मृत्यु : 16 जनवरी, 1938, तदनुसार 2 माघ, 1344 बंगाब्द, पौष पूर्णिमा दिन रविवार। इनका जन्म देवानन्दपुर में मोतीलाल चट्टोपाध्याय के घर हुआ। इनकी माता का नाम भुवनमोहिनी था। ये अपने माता-पिता की दूसरी संतान थे। इनसे पहले इनकी एक बहन अनिला जन्म ले चुकी थी। इनके बाद तीन भाई बहन और हुए। शरत् जब पाँच वर्ष के हुए तो इन्हें बाकायदा पाठशाला में भर्ती कराया गया, ये स्वभावतः बहुत शरारती थे। प्रारम्भिक जीवन देवानन्दपुर बंगाल के एक साधारण-से गाँव में अत्यन्त अभाव में बीता। पाठशाला में ही धीरू नाम की लड़की से इनकी गाढ़ी मित्रता थी। बहुत दिन बाद शैशव की इस संगिनी को आधार बनाकर शरत् ने अपने कई उपन्यासों की नायिकाओं का सृजन किया। ‘देवदास’ की पारो, ‘बड़ी दीदी’ की माधवी और ‘श्रीकान्त’ की राजलक्ष्मी, ये सब धीरू के ही विकसित और विराट रूप हैं। 1894 में इन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की। वे मुक्त कण्ठ से क्रांतिकारियों की आर्थिक मदद भी किया करते थे। माता-पिता के देहांत के बाद परिवार की सारी जिम्मेदारी इन्हीं पर आ गयी। जीविका की तलाश में ये कलकत्ता आये। पर यहाँ भी उनकी बसर नहीं हुई। इसके बाद वे रंगून चले गये। जहाँ पर इन्होंने उपन्यास ‘चरित्रहीन’ लिखना आरम्भ किया। रंगून में ही इनका विवाह हुआ। इनके दो विवाह हुआ पर सामान्यतः इन्हें अविवाहित ही समझा जाता है। जीवन भर कठिनाइयों का सामना करते रहे। बीमारी और रोगों ने एक बार दामन पकड़ा तो अन्तिम समय तक साथ न छोड़ा। जीवन भर लेखनी के साथ उनका रक्त का सम्बन्ध रहा। उन्होंने अपने साहित्य में वेश्याओं और दुराचारिणियों को ऊंचा पद दिया और तत्कालीन सामाजिक मूल्यों के आगे बार-बार प्रश्नचिह्न लगाये। यथार्थवाद को लेकर साहित्य क्षेत्र में उतरे। बांग्ला साहित्य में यह लगभग नई चीज थी। उन्होंने अपने लोकप्रिय उपन्यासों एवं कहानियों में सामाजिक रूढ़ियों पर प्रहार किया। इनकी प्रतिभा उपन्यासों के साथ-साथ इनकी कहानियों में भी देखने योग्य है। उपन्यासों की तरह उनकी कहानियों में भी मध्यवर्गी समाज का यथार्थ चित्र अंकित है। कृतियाँ : उपन्यास : गृहदाह, बड़ी दीदी, ब्राह्मण की बेटी, सविता, वैरागी, लेन देन, श्रीकान्त भाग-1, श्रीकान्त भाग-2, पथ के दावेदार, परिणीता, चरित्रहीन, विलासी, अभागी का स्वर्ग, देवदास, मझली दीदी, शेष प्रश्न, नया विधान, ग्रामीण समाज, शुभदा, विप्रदास, विराज बहू। कहानी : सती तथा अन्य कहानियाँ: (दर्प-चूर्ण, अभागिनी का स्वर्ग, हरिलक्ष्मी, अनुपमा का प्रेम, सती।), लालू-1, लालू-2, लालू-3, कलकत्ता के नातूर दा, पचास वर्ष पहले के एक दिन की कहानी, छेलेधरा, गुरूजी। |
|
शरत् का कथा-साहित्यशरत चन्द्र चट्टोपाध्याय
मूल्य: Rs. 320 |
|
शुभदाशरत चन्द्र चट्टोपाध्याय
मूल्य: Rs. 235 बाँग्ला के अमर कथाशिल्पी शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय की कालजयी कृति... आगे... |
|
शेष परिचयशरत चन्द्र चट्टोपाध्याय
मूल्य: Rs. 200 |
|
शेष प्रश्नशरत चन्द्र चट्टोपाध्याय
मूल्य: Rs. 95 दो विरोधी विचारधाराओं के टकराव से उत्पन्न प्रश्नों का उत्तर.... आगे... |
|
श्रीकांतशरत चन्द्र चट्टोपाध्याय
मूल्य: Rs. 95 एक घुमक्कड़ नवयुवक की कहानी.... आगे... |
|
श्रीकान्तशरत चन्द्र चट्टोपाध्याय
मूल्य: Rs. 400 शरतचन्द्र का प्रसिद्ध उपन्यास जिस पर चर्चित फिल्म भी बन चुकी है, दो भागों में... आगे... |
|
श्रीकान्त - भाग 1शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय
मूल्य: Rs. 200 एक श्रेष्ठतम उपन्यास... आगे... |
|
श्रीकान्त - भाग 2शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय
मूल्य: Rs. 200 श्रीकान्त का दूसरा भाग... आगे... |
|
सती तथा अन्य कहानियाँशरत चन्द्र चट्टोपाध्याय
मूल्य: Rs. 120 पतिता, कुलटा, पीड़ित दहबी-कुचली और प्रताड़ित नारी की पीड़ा को अपनी रचनाओं में स्वर देने वाले साहित्यकार शरत्चन्द्र की कृति। आगे... |
|
सविताशरत चन्द्र चट्टोपाध्याय
मूल्य: Rs. 200 प्रस्तुत है श्रेष्ठ उपन्यास... शरत् चन्द्र मानवीय संवेदनाओं को अत्यंत सुंदर ढंग से प्रस्तुत करते हैं। आगे... |