आलोचना
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सात भूमिकाएँमहादेवी वर्मा
मूल्य: $ 14.95
अपनी विशिष्ट ‘तर्कसंगत पद्धति’ से दूधनाथ सिंह ने महादेवी के रचनाकर्म को विवेचित किया है। आगे... |
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रेणु का है अन्दाजे बयां औरभारत यायावर
मूल्य: $ 10.95 रेणु के अंदाज़े-बयाँ को अपने ही ढंग से प्रस्तुत करने वाली यह अनोखी पुस्तक है। आगे... |
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राग दरबारी आलोचना की फाँसरेखा अवस्थी
मूल्य: $ 18.95 राग दरबारी पर यह पहली आलोचना पुस्तक है आगे... |
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प्रेमचंद एक तलाशश्रीराम त्रिपाठी
मूल्य: $ 14.95 आलोचक श्रीराम त्रिपाठी ने वस्तुतः हिन्दी और उर्दू में समानरूपेण समादृत अमर कथाशिल्पी मुंशी प्रेमचन्द को उनकी रचनाओं में तलाश किया है। आगे... |
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प्रेमचंद और उनका युगरामविलास शर्मा
मूल्य: $ 20.95 इस पुस्तक में विद्वान लेखक ने प्रेमचंद की कृतियों का मूल्यांकन ऐतिहासिक सन्दर्भ और सामाजिक परिवेश की पृष्ठभूमि में किया है। आगे... |
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प्रेमचंद और भारतीय समाजनामवर सिंह
मूल्य: $ 10.95 आधुनिक रचनाकारों में इकलौते प्रेमचन्द ही हैं जिनमें हिन्दी के शीर्ष स्थानीय मार्क्सवादी आलोचक प्रो. नामवर सिंह की दिलचस्पी निरन्तर बनी रही है। प्रेमचन्द पर विभिन्न अवसरों पर दिये गए व्याख्यान एवं उन पर लिखे गए आलेख इस पुस्तक में एक साथ प्रस्तुत हैं। आगे... |
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प्रेमचंद : विगत महत्ता और वर्तमान अर्थवत्तामुरली मनोहर प्रसाद सिंह
मूल्य: $ 24.95
दस्तावेज़ी महत्त्व के साथ-साथ यह पुस्तक प्रेमचन्द के पाठकों के लिए भी बहुत उपयोगी सिद्ध होगी। आगे... |
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प्रेमचंद: एक साहित्यिक विवेचननन्द दुलारे वाजपेयी
मूल्य: $ 10.95 महान कथाकार प्रेमचंद के संपूर्ण कथा–साहित्य को उसकी सभी विशेषताओं और विफलताओं के साथ विश्लेषित करने का प्रयास यहाँ लेखक ने किया है। आगे... |
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प्राचीन भारत के कलामक विनोदहजारी प्रसाद द्विवेदी
मूल्य: $ 15.95
इसमें लेखक ने गुप्तकाल के कुछ सौ वर्ष पूर्व से लेकर कुछ सौ वर्ष बाद तक के साहित्य का अवगाहन करते हुए उस काल के भारतवासियों के उन कलात्मक विनोदों का वर्णन किया है जिन्हें जीने की कला कहा जा सकता है। आगे... |
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फिलहालअशोक वाजपेयी
मूल्य: $ 10.95 कविता को फिर जीवित तात्कालिकता देने के लिए और काव्य-भाषा को, जो बिंबों में फँसकर गतिहीन और जड़ हो चुकी थी; ताजगी और जीवंतता देने के लिए, युवा कवियों ने अगर सपाटबयानी की ओर रुख किया तो यह स्वाभाविक और जरूरी ही था। आगे... |