कविता संग्रह >> समकालीन कविताएँ
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संकर्षण प्रजापति बनारसी के हाइकुसंकर्षण प्रजापति
मूल्य: $ 11.95 |
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फिर कभी आनासीताकान्त महापात्र
मूल्य: $ 20.95 |
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समकालीन दोहा कोशहरेराम समीप
मूल्य: $ 30.95 |
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मिले किनारेरामेश्वर कम्बोज
मूल्य: $ 9.95 |
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धूप के खरगोशभावना कुँअर
मूल्य: $ 10.95 |
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अंग संगसुदर्शन प्रियदर्शिनी
मूल्य: $ 6.95 |
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मुझे बुद्ध नहीं बननासुदर्शन प्रियदर्शिनी
मूल्य: $ 14.95 |
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बेलासूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
मूल्य: $ 12.95 |
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कटौतीनिलय उपाध्याय
मूल्य: $ 8.95
निलय उपाध्याय का ताजा कविता–संग्रह ‘कटौती’ आज लिखी जा रही कविता के समूचे परिदृश्य में एक नई काव्य–संभावना से भरपूर किसी महत्त्वपूर्ण दिशासूचक, सृजनात्मक परिघटना की तरह उपस्थित हो रहा है। पिछले कुछ वर्षों से महत्त्वपूर्ण हो उठे महा–नागर काव्य–वर्चस्व को एक नितांत वरिष्ठ काव्य–सामर्थ्य और भिन्न काव्य–संरचना के माध्यम से चुनौती देती ये कविताएँ हमें अनुभवों के उस दैनिक संसार में सीधे ले जाकर खड़ा करती हैं, जहाँ ध्वंस और निर्माण, विनाश और संरक्षण, हिंसा और करुणा के अब तक कविता में अनुपस्थित अनेक रूप अपनी समूची गतिमयता, टकराहटों, विकट अंतर्द्वंद्वों और अलक्षित आयामों के साथ उपस्थित हैं। |
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उम्मीद अब भी बाकी हैरविशंकर उपाध्याय
मूल्य: $ 12.95
युवा कवि रविशंकर उपाध्याय से मेरी पहली और शायद अन्तिम भी, भेंट मेरी पिछली बनारस-यात्रा (30 अप्रैल, 2014) में लाल बहादुर शास्त्री हवाईअड्डा पर हुई थी। उन्होंने अपना परिचय दिया और यह भी बताया कि वे एक कवि हैं। इससे पहले उनकी कविताएँ यहाँ-वहाँ छपी थीं, शायद उन पर मेरी निगाह पड़ी हो पर मैं उन्हें रजिस्टर नहीं कर सका था। यह भेंट प्रचण्ड गर्मी के बीच हुई थी, जब वे मेरी अगुवानी में हवाईअड्डा आए थे। रास्ते-भर उनसे काफी बातें होती रहीं। अब याद करता हूँ तो दो बातें मेरी स्मृति में खास तौर से दर्ज हैं। पहली समकालीन हिन्दी कविता के बारे में उनकी विस्तृत और गहरी जानकारी और दूसरी, कुछ कवियों और कविताओं के बारे में उनकी अपनी राय। इन दोनों बातों ने मुझे प्रभावित किया था। |