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मनोविश्लेषण

सिगमंड फ्रायड

प्रकाशक : राजपाल एंड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :392
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8838
आईएसबीएन :9788170289968

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‘ए जनरल इन्ट्रोडक्शन टु साइको-अनालिसिस’ का पूर्ण और प्रामाणिक हिन्दी अनुवाद


इसके विपरीत, हम लोग इस आक्षेप-योग्य विचार को किसी भावना या प्रवृत्ति के वशीभूत होकर नहीं पेश करते। हमारा एक ही आशय रहा है कि तथ्यों को हमने अपनी मेहनत-भरी खोजों के समय जिस रूप में देखा है उसी रूप में उन्हें स्वीकार करें। और अब वैज्ञानिक खोज के क्षेत्र में हम किसी भी शर्त पर यह सवाल लाने देने को तैयार नहीं कि इस तरह की खोज व्यवहार की दृष्टि से उचित है या नहींऐसा कोई सवाल तभी पैदा हो सकता है जब यह फैसला हो चुका हो कि जिस भय से व्यवहार-सम्बन्धी औचित्य का सवाल हमारे सिर पर लादा जाता है, वह भय स्वयं भी उचित है या नहीं।

इस प्रकार मैंने आपके सामने कुछ ऐसी कठिनाइयां रखी हैं, जो मनोविश्लेषण की ओर मुंह करते ही आपके सामने आकर खड़ी हो जाएंगी। शायद आरम्भिक रूप में मैंने काफी से ज़्यादा कह दिया है। अगर इन कठिनाइयों से आपका हौसला पस्त न हुआ तो हम आगे बढ़ेंगे।

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