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मनोविश्लेषण

सिगमंड फ्रायड

प्रकाशक : राजपाल एंड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :392
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8838
आईएसबीएन :9788170289968

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‘ए जनरल इन्ट्रोडक्शन टु साइको-अनालिसिस’ का पूर्ण और प्रामाणिक हिन्दी अनुवाद


दिलचस्पी और अपना सारा राग भी कल्पना के जीवन में अपनी इच्छाओं की सृष्टि पर ले जाता है, जहां से कुछ ही दूर चलने पर स्नायु-रोग आ सकता है। उसे अपना परिवर्धन करते-करते स्नायु-रोग पर पहुंचने से रोकने के लिए बहुत-से कारक इकट्ठे होते हैं। यह बात काफी प्रसिद्ध है कि अधिकतर कलाकार स्नायु-रोग के कारण अपनी क्षमताओं से आंशिक निरोध से पीड़ित होते हैं। सम्भवतः उनकी शरीर-रचना में उदात्तीकरण की प्रबल क्षमता होती है, और द्वन्द्व पैदा करने या न करने के कारणरूप दमनों में कुछ लचक होती है, पर कलाकार यथार्थता की ओर लौटने का मार्ग इस तरह पा लेता है। वह अकेला ही ऐसा व्यक्ति नहीं है, जिसके पास कल्पना का जीवन हो। कल्पना का मध्यवर्ती लोक सारी मानव जाति में मिलता है, और हर अतृप्त आत्मा आराम और सान्त्वना के लिए इसका सहारा लेती है। पर जो लोग कलाकार नहीं हैं, वे कल्पना से बहुत सीमित आनन्द हासिल कर सकते हैं। उनके क्रूर दमनों के कारण वे उन थोड़े-से दिवा-स्वप्नों का ही आनन्द ले पाते हैं, सब कल्पनाओं का नहीं। सच्चे कलाकार के पास कुछ और भी चीज़ होती है। सबसे पहले तो वह अपने दिवा-स्वप्नों को इस तरह विशद करना जानता है कि उनमें से वह व्यक्तिगत अंश निकल जाए जो अपरिचित कानों को खटकता है और दूसरों के लिए वे दिवास्वप्न रसनीय और रमणीय बन जाते हैं। वह यह भी जानता है कि उनमें इतना काफी परिवर्तन कैसे कर दिया जाए कि आसानी से यह पता न चल सके कि उनकी उत्पत्ति प्रतिषिद्ध स्रोतों से हुई है। इसके अलावा, उसमें यह रहस्यमय प्रवीणता होती है कि अपनी निजी सामग्री को इस तरह से बढ़ा सके कि वह उसकी कल्पना के मनोबिम्बों की ठीक-ठीक अभिव्यक्ति कर सके और फिर वह यह भी जानता है कि उसके कल्पना-जीवन के इस प्रतिबिम्ब से ऐसी प्रबल सुखधारा कैसे जोड़ दी जाए कि कम-से-कम कुछ देर के लिए यह दमनों से अधिक शक्तिशाली हो जाए और उन्हें बाहर कर दे। जब वह यह सब कुछ कर सकता है तब दूसरों के लिए, उनके अपने अचेतन सुख-स्रोतों से आराम और सान्त्वना पाने का रास्ता खोल देता है और इस तरह उनकी कृतज्ञता और प्रशंसा प्राप्त करता है; तब उसे अपनी कल्पना द्वारा वह चीज़ प्राप्त हो गई है जो पहले वह कल्पना में ही प्राप्त कर सकता था : सम्मान, शक्ति और स्त्रियों का प्रेम।

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