गजलें और शायरी >> संभाल कर रखना संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारी
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तुम्हारे सजने-सँवरने के काम आयेंगे, मेरे खयाल के जेवर सम्भाल कर रखना....
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दिल के हाथों नज़र के चक्कर में
दिल के हाथों नज़र के चक्कर में।
आ गये हम भँवर के चक्कर में।।
बच गये रास्तों के चक्कर से,
फँस गये राहबर के चक्कर में।
भूल बैठे हैं ज़िन्दगी का सफ़र,
लोग उलझे हैं घर के चक्कर में।
ख़ुद ही सूली पे चढ़ गया ईसा,
शोहरतों की ख़बर के चक्कर में।
अपनी तहज़ीब को भुला बैठा,
गाँव खोया नगर के चक्कर में।
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