गजलें और शायरी >> संभाल कर रखना संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारी
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तुम्हारे सजने-सँवरने के काम आयेंगे, मेरे खयाल के जेवर सम्भाल कर रखना....
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चलो माना कि मेरा नाम कम पहचाना जाता है
चलो माना कि मेरा नाम कम पहचाना जाता है।
मगर अशआर से मेरा क़लम पहचाना जाता है।।
नमाज़ और पूजा से दैरो-हरम पहचाना जाता है,
तेरे किरदार से असली धरम पहचाना जाता है।
निगाहें कह रही हैं बस बुतों को देखते रहिए,
निगाहों से नहीं दिल से सनम पहचाना जाता है।
ख़ुशी चेहरे से आ जाती है लोगों की निगाहों में,
कहाँ दुनिया से दिल का दर्दो-ग़म पहचाना जाता है।
ज़ुबाँ से फ़ैसला मैदान में होता नहीं कोई,
है किसके बाज़ुओं में कितना दम पहचाना जाता है।
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