गजलें और शायरी >> संभाल कर रखना संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारी
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तुम्हारे सजने-सँवरने के काम आयेंगे, मेरे खयाल के जेवर सम्भाल कर रखना....
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बहुत अच्छा बहाना है
बहुत अच्छा बहाना है।
मगर काफ़ी पुराना है।।
मुकर जाना सिफ़त उनकी,
हमें वादा निभाना है।
कहाँ कब रुख़ बदल बैठे,
हवा का क्या ठिकाना है।
निशानेबाज़ है माहिर,
निशाने पर निशाना है।
हमारे तो तुम्हीं तुम हो,
तुम्हारा तो ज़माना है।
हमारा दिल कहाँ अपना,
तुम्हारा अशियाना है।
उसे कहिए न दीवाना,
अजी बहलोल दाना है।
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