गजलें और शायरी >> संभाल कर रखना संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारी
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तुम्हारे सजने-सँवरने के काम आयेंगे, मेरे खयाल के जेवर सम्भाल कर रखना....
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हो ज़ियादा चाहने वाला या कम कोई तो है
हो ज़ियादा चाहने वाला या कम कोई तो है।
हाँ! वो पत्थर का सही, मेरा सनम कोई तो है।।
दर्द को राहत है दिल को है सुकूं इस बात से,
फ़िक्र है मेरी किसी को, आँख नम कोई तो है।
हौसला देता है, समझाता है, तेरी ही तरह,
राम जाने तू है या तेरा भरम कोई तो है।
तू नज़र आता नहीं महसूस करता हूँ मगर,
ज़िन्दगी के रास्तों पर हमक़दम कोई तो है।
चाँद-सूरज और सितारों को चमक देता है कौन,
कौन है? किसके हैं सब दैरो-हरम, कोई तो है।
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