गजलें और शायरी >> संभाल कर रखना संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारी
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तुम्हारे सजने-सँवरने के काम आयेंगे, मेरे खयाल के जेवर सम्भाल कर रखना....
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अब शुरू इक नया सिलसिला कीजिए
अब शुरू इक नया सिलसिला कीजिए।
दुश्मनों के लिये भी दुआ कीजिए।।
बेवफ़ाई के बदले वफ़ा कीजिए,
ये मुहब्बत का हक़ है अदा कीजिए।
प्यार करना किसी से ख़ता तो नहीं,
हो ख़ता भी तो सौ मर्तबा कीजिए।
फ़ासले ख़ुद-ब-ख़ुद ख़त्म हो जायेंगे,
मुस्करा कर हमेशा मिला कीजिए।
सिर्फ़ अफ़सोस करने से क्या फ़ायदा,
हो सके तो किसी का भला कीजिए।
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