अतिरिक्त >> धर्मयुद्ध धर्मयुद्धयशपाल
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धर्मयुद्ध पुस्तक का आई पैड संस्करण
आई पैड संस्करण
इस संग्रह की दस कहानियाँ लेखक के कहानी जगत में सर्वमान्य स्थान प्राप्त कर लेने और कहानी लेखन कला का गहरा अनुभव प्राप्त कर लेने पर, उसके सामने आयी सामाजिक घटनाओं की स्पष्ट प्रतिच्छाया है। लेखक ने इन कहानियों का परिचय ‘घटना रंजित कहानियाँ’ कह कर दिया है। कहानियों को प्रबल ग्राही शक्ति के परिचय के लिए इससे अधिक कहना अनावश्य होगा। ’’विधाता ने लेखक को प्रतिभा और शक्ति मुक्तहस्त होकर दी है। कोरे परिश्रम से यह कला सम्भव नहीं। हिन्दी कथा साहित्य अभी तक लेता ही रहा है, रामकृपा से अब ऐसी रचनाओं के कारण वह देने योग्य भी हो गया है।’’
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