लोगों की राय

श्रंगार - प्रेम >> निमन्त्रण

निमन्त्रण

तसलीमा नसरीन

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2010
पृष्ठ :119
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 7958
आईएसबीएन :9789350002353

Like this Hindi book 10 पाठकों को प्रिय

235 पाठक हैं

तसलीमा नसरीन का यह उपन्यास निमन्त्रण शीला और उसके सपनों का पुरुष प्रेमी मंसूर की कहानी है।...


मामा की यह बात सुन कर, मुझे और ज़्यादा रुलाई छूटने लगी। रोने की आवाज़ तक मैं रोक नहीं पायी।

मामा ने चीख-चीख कर समूचे घर में हंगामा मचा दिया।

उन्होंने अपनी दीदी को बुला कर पूछा, 'बच्ची इतनी रो क्यों रही है, दीदी? तुम तो दिन भर बावर्ची खाने में रहती हो और यह लक्ष्मी बेटी दिन भर मन के दुख में घुटती हुई रोती रहती है, कुछ ख़बर है तुम्हें?'

माँ आँचल में अपने भीगे हुए हाथ पोंछते-पोंछते बोल उठीं, 'मेडिकल में चांस नहीं मिला, शायद इसीलिए रो रही होगी। यूनिवर्सिटी में चांस मिला है, वह भी फिजिक्स या पॉल-साइंस में, पता नहीं! यह सब पढ़ कर क्या होगा, बताओ?'

मामा ने मेरी पीठ थपथपाते हुए कहा, 'रो मत, बिट्टी! हर विषय, अच्छा विषय होता है। बस, मन लगा कर पढ़ना ज़रूरी है...।'

***

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book