उपन्यास >> छुटकारा छुटकाराममता कालिया
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छुटकारा...
पहला सोना चाहता था, पर उसे नींद नहीं आ रही थी। नींद बुलाने का एक नुस्खा दूसरे ने उसे एक बार बताया था। वह कहता था कि वैसी हालत में कोई छोटी-सी अश्लील बात सोच लो, सोचते-सोचते बड़ी बात हो जायेगी और उस अनुपात में नींद तुम्हें घेर लेगी। पहले ने कहना चाहा था कि वैसी बातें तो वह हर वक्त सोचता रहता है, पर इन बातों से उसे कभी नींद नहीं आयी। बल्कि वह फिर और भी देर तक जागता रहा है और प्रयाग के खुर्राटे सुनता रहा है। कि प्रयाग खुर्राटे लेता है, यह उसकी इन्हीं दिनों की खोज थी। जब उसने सुबह प्रयाग को बताया था, प्रयाग बेहद झेंप गया था। उसने हकलाते हुए कहा था, ‘देखिये आपको भ्र...और दूसरे ने उसके कन्धे पर हाथ मारते हुए कहा था, ‘जाने दो यार, इसने कौन तुम्हारे तकिये के नीचे वात्स्यायन ग्रन्थ ढूँढ़ लिया!’...
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