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अगला यथार्थ

हिमांशु जोशी

प्रकाशक : पेंग्इन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :258
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 7147
आईएसबीएन :0-14-306194-1

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हिमांशु जोशी की हृदयस्पर्शी कहानियों का संग्रह...


एक तगड़ा-सा आदमी उसकी बांह पकड़कर, घसीटता हुआ ले जाता है, और मरे हुए पशु की तरह बस्ती से दूर पटक आता है।

मेरा मुंह खुला का खुला रह जाता है !

'टूरिस्ट-लॉज' के बाहर खुले में बने रेस्तरां में बैठा हूं। पास ही एक अपरिचित सज्जन हैं, किसी की प्रतीक्षा में। बतलाते हैं। कि यहां की तमिल-पाठशाला में हिंदी पढ़ाते हैं।

बातों ही बातों में उसका भी जिक्र ले आता हूं तो वे अजीब-सा मुंह बनाकर मेरी ओर देखते हैं। मेरे बार-बार जिज्ञासा प्रकट करने पर, कुरेदने पर वे जो कुछ बतलाते हैं उसका आशय यह है कि वह पास की बस्ती का मछुआरा है। जन्म से बड़ा भोला, तनिक विनम्र-सा। पत्नी और बूढ़ा बाप-यही उसका परिवार था। पिता स्वभाव से क्रोधी किस्म का था, परंतु पत्नी उसी की तरह गऊ। परमात्मा ने उसके साथ अभिशाप यह जोड़ा था कि इस घोर दरिद्रम के बावजूद वह अद्भुत सुंदरी थी। ज्यों ही वह नाव लेकर समुद्र में जाता, बस्ती के आवारा उसके घर की परिक्रमा शुरू कर देते। बूढ़ा गालियां देता, आवेश में पागलों की तरह लोगों पर झपटता, चीख़ता-चिल्लाता। जब वे चले जाते तो बस्ती में घूम-घूमकर लोगों को बुरा-भला कहता।...एक दिन रात के अंधियारे में, अवसर देखकर उन्होंने बूढ़े को पानी में डुबो दिया तो इल्ज़ाम लगा कि अपने बूढ़े बाप की हत्या पागलपन के दौरे में उसी ने की है।

इतना कहना भर था कि लोगों ने उसकी नाव तोड़ डाली, झोंपड़ी जला दी और गांव से निकालकर पूरी तरह सामाजिक बहिष्कार कर दिया। अब वह बस्ती से दूर झोंपड़ी बनाकर रहने लगा। लोगों को यही सब तो चाहिए था। जब वह भोजन जुटाने बाहर जाता तो लोग उसके घर में घुसकर पत्नी के साथ खुलेआम बलात्कार करते। इस सबसे परेशान होकर एक दिन पत्नी ने आत्महत्या कर ली तो इस बार भी दोष उसी के सिर पर मढ़ा गया, मानव हत्या का....। 'दुनिया ही ऐसी है...' कहते-कहते वे चुप हो जाते हैं।

कन्याकुमारी यात्रा का अंतिम दिन है आज।

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    अनुक्रम

  1. कथा से कथा-यात्रा तक
  2. आयतें
  3. इस यात्रा में
  4. एक बार फिर
  5. सजा
  6. अगला यथार्थ
  7. अक्षांश
  8. आश्रय
  9. जो घटित हुआ
  10. पाषाण-गाथा
  11. इस बार बर्फ गिरा तो
  12. जलते हुए डैने
  13. एक सार्थक सच
  14. कुत्ता
  15. हत्यारे
  16. तपस्या
  17. स्मृतियाँ
  18. कांछा
  19. सागर तट के शहर

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