कहानी संग्रह >> अगला यथार्थ अगला यथार्थहिमांशु जोशी
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हिमांशु जोशी की हृदयस्पर्शी कहानियों का संग्रह...
पेरिस के बाजारों में भिक्षापात्र लिए, फटे चीवर और नंगे पांव भीख मांगते बूढ़े बुद्ध का रंगीन चित्र कल एक विदेशी समाचार एजेंसी ने छापा है... डेनमार्क के बच्चे हिंदुस्तान के गरीब बच्चों के दूध के लिए अपने जेबख़र्च का पैसा इकट्ठा कर भेज रहे हैं...
विवेकानंद का माथा धरती से भी नीचे झुक गया है-वे पागलों की तरह चीख-चीखकर कह रहे हैं
''भूखे मनुष्य को दर्शन की दीक्षा देना पाप है।”
शायद मेरी आंखें धुंधला गई हैं-चारों ओर अंधेरा छा रहा है।
कल शाम कनॉट प्लेस की भीड़ में खड़ा एक विदेशी मुंह। बिचकाकर कह रहा था-
"बुद्ध और गांधी को बेचकर भी तुम अब अधिक नहीं जी सकते...विदेशी सहायता पर पलने वाला राष्ट्र मुर्दा राष्ट्र कहलाता है। जिस देश ने अपने चरित्र को बेच डाला, वह स्वाधीन नहीं रह सकता। उसे जीवित रहने का कोई हक भी नहीं..."
लगता है-मेरे हाथ बंधे हैं, मुंह बंधा है-और नंगी पीठ पर कोई कोड़े लगा रहा है।
रात को भोजन करने बैठता हूं तो लगता है-अपना मांस खुद परोसकर खा रहा हूं। पानी के बदले दुधमुंहे बच्चों का रक्त निचोड़कर पी रहा हूं और इतने कपड़े पहनने के बावजूद निपट नंगा हूं।
बैठा-बैठा मैं कुछ टटोल रहा हूं। बच्चों के पाठ्यक्रम की एक नई पुस्तक हाथ आती है, जिसके पहले अध्याय में लिखा है-
30 जनवरी, सन् 1948 को गांधी ने गोडसे की हत्या की थी...इंग्लैंड पर भारत ने दो सौ साल तक राज्य किया था...बड़ी जंगली और क्रूर क़ौमें हैं अफ्रीकियों की। वे भोले-भोले यूरोपियनों को गुलाम बनाकर, जहाज़ों में भरकर अफ्रीका लाते थे और वहां उनके साथ पशुवत व्यवहार करते थे...कांली कौमों ने गरीब गोरी क़ौमों पर जो अमानवीय अत्याचार किए हैं-इतिहास उन्हें उनके लिए कभी भी क्षमा नहीं करेगा।
मुझे लगता है-यह सब सच लिखा है। इसे मैंने स्वयं अपनी आंखों के आगे होते हुए देता है।
मुझे अब तक भली-भांति याद है-पहले और दूसरे, दोनों महायुद्धों में जीत हिटलर की ही हुई थी। जापान ने दुनिया में सबसे पहले परमाणु बम बनाया था, जिसका प्रयोग लंदन और वाशिंगटन पर किया था। और इतिहास में दूसरी बार 15 अगस्त, सन् 1947 को भारत गुलाम बना था। जाते-जाते धूर्त गोरों ने अपनी ही बिरादरी के कुछ कालों के हाथ में इस देश की सत्ता सदा के लिए सौंप दी थी।
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- कथा से कथा-यात्रा तक
- आयतें
- इस यात्रा में
- एक बार फिर
- सजा
- अगला यथार्थ
- अक्षांश
- आश्रय
- जो घटित हुआ
- पाषाण-गाथा
- इस बार बर्फ गिरा तो
- जलते हुए डैने
- एक सार्थक सच
- कुत्ता
- हत्यारे
- तपस्या
- स्मृतियाँ
- कांछा
- सागर तट के शहर