लोगों की राय

कहानी संग्रह >> अगला यथार्थ

अगला यथार्थ

हिमांशु जोशी

प्रकाशक : पेंग्इन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :258
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 7147
आईएसबीएन :0-14-306194-1

Like this Hindi book 8 पाठकों को प्रिय

61 पाठक हैं

हिमांशु जोशी की हृदयस्पर्शी कहानियों का संग्रह...


"हमारे यहां महिलाएं पति की नहीं, पिता की जाति से ही जानी जाती हैं, पुरुषों की तरह। मुझे मिसेज़ शफीक कहकर संबोधित करते हो, तो बड़ा अटपटा-सा लगता है। शफीक मेरे पति नहीं पिता हैं...।” तुम मुस्कराती हुई देखती हो तो झेप-सा जाता हूं, "मैं तो तुम्हें अब तक सर्वत्र इसी नाम से संबोधित करता आया हूं।"

नार्वे में जो अप्रवासी भारतीय मेरे मित्र थे, वे सब तुम्हारे भी मित्र बन चुके थे।

तभी पास से कुछ लोगों के बोलने, हंसने का जैसा स्वर सुनाई देता है तो मैं चौंकता हूं।

देखता हूं-नोर्मा, जिनी, आर्ने के साथ तुम भी सामने खड़ी हो।

आर्ने नार्वेजियन मूल का है। अब कनाडा में बस गया है। नार्वेजियन मूल का होने के कारण ‘जोशी' शब्द का कभी-कभी सही उच्चारण नहीं कर पाता ‘योशी' कहता है तो मैं हंस पड़ता हूं। वह अनायास शर्मा जाता है। कल चावला’ को ‘सावला' कह रहा था।

सब थोड़ी देर वहीं खड़े-खड़े बतियाते रहते हैं।

बड़ा भयावना दृश्य था सामने का। हम कभी नीचे पाताल में धंसी गहरी घाटी की ओर देखते हैं तो कभी आसमान को छूते बर्फीले पहाड़ को। जो दीवार की तरह तन कर, आकाश को चीरता पता नहीं कहां तक चला गया है !

आनें कहता है, “कल सुबह बस से सबसे पहले इस पाताल पुरी में उतरेंगे और फिर इस हिमाच्छादित पर्वत की ऊंची चोटी छुएंगे। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस पहाड़ की खुदाई के समय चट्टानों के भीतर लाखों वर्ष पुरानी बर्फ मिली थी।"

तुमसे गीत सुनाने का लोगों ने आग्रह किया, पर तुमने टाल दिया था। आर्ने को गिटार बजाना है। समय हो रहा है, अतः सब चले जाते हैं।

अंत में देखता हूं-मात्र मैं बच गया हूं अकेला।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. कथा से कथा-यात्रा तक
  2. आयतें
  3. इस यात्रा में
  4. एक बार फिर
  5. सजा
  6. अगला यथार्थ
  7. अक्षांश
  8. आश्रय
  9. जो घटित हुआ
  10. पाषाण-गाथा
  11. इस बार बर्फ गिरा तो
  12. जलते हुए डैने
  13. एक सार्थक सच
  14. कुत्ता
  15. हत्यारे
  16. तपस्या
  17. स्मृतियाँ
  18. कांछा
  19. सागर तट के शहर

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book