ऐतिहासिक >> जय सोमनाथ जय सोमनाथकन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी
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सोमनाथ के विश्वविख्यात मंदिर का गजनी के महमूद द्वारा विनाश किये जाने की ऐतिहासिक गाथा
Jai Somnath - A hindi book - by Kanhiyalal Maniklal Munshi
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
भारत के प्राचीन संस्कृति के द्योतक सोमनाथ के भग्नावशेषों में आज फिर से एक नये जीवन का संचार हो रहा है। ‘जय सोमनाथ’ भारतीय इतिहास के उसी युग का संस्मरण है जब सोमनाथ के विश्वविख्यात मंदिर का गज़नी के महमूद के हाथों पतन हुआ और इस तरह यवनों द्वारा हमारी संस्कृति को एक असह्य धक्का सहना पड़ा।
इस ऐतिहासिक गाथा को सुविख्यात लेखक और इतिहासवेत्ता कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी ने एक अत्यन्त रोचक उपन्यास का रूप दिया है। इस उपन्यास में उस युग की राजनीतिक एवं सामाजिक पृष्ठभूमि में ही इतिहास के पात्र फिर से सजीव हो उठे हैं। भाषा, भाव, शैली और प्रतिपत्ति की दृष्टि से ‘जय सोमनाथ’ साहित्य-जगत को मुंशी जी की अमूल्य देन है।
इस ऐतिहासिक गाथा को सुविख्यात लेखक और इतिहासवेत्ता कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी ने एक अत्यन्त रोचक उपन्यास का रूप दिया है। इस उपन्यास में उस युग की राजनीतिक एवं सामाजिक पृष्ठभूमि में ही इतिहास के पात्र फिर से सजीव हो उठे हैं। भाषा, भाव, शैली और प्रतिपत्ति की दृष्टि से ‘जय सोमनाथ’ साहित्य-जगत को मुंशी जी की अमूल्य देन है।
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