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जीप पर सवार इल्लियाँ

शरद जोशी

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2008
पृष्ठ :158
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 6839
आईएसबीएन :9788171783946

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शरद जोशी के व्यंगात्मक निबंधों का संग्रह...


सरकार का जादू

जादूगर मंच पर आकर खड़ा हो गया। उसने नमस्कार, सलाम और गुड इवनिंग कहा, फिर एयर इंडिया के राजा की नम्र मुद्रा में झुका, उठा और अपनी दर्शन मोहिनी मुस्कान का प्रदर्शन करने के बाद कहने लगा, 'देवियो और सज्जनो, हम जो प्रोग्राम आपके सामने पेश करने जा रहे हैं, वह हमारे मुलुक का, हमारे देश का प्रोग्राम है जो बरसों से चल रहा है और मशहूर हुआ है। अभी तक लाखों लोगों ने इसे देखा है और इसकी तारीफ की है। देवियो और सज्जनो, यह हमारे मुलुक का प्रोग्राम है, आप देखिए और हमें अपना आशीर्वाद दीजिए।' इतना कहकर जादूगर फिर उसी नम्र मुद्रा में झुका और जब उसने झटके से सिर उठाया, जोरदार पार्श्वसंगीत बजने लगा और खेल चालू हो गया। 

'फर्स्ट आइटम आफ दि प्रोग्राम : 'अप्लीकेशन टू द गवर्नमेंट, सरकार कू दरखास्त!' जादूगर ने कहा और बायाँ हाथ विंग्स कीं तरफ उठाया कि दो लड़कियाँ वहाँ से निकलीं। उनके हाथों में स्टूल और बन्द
डिब्बे थे। एक डिब्बे पर लिखा था आवक और दूसरे पर जावक। लड़कियों ने जादूगर के दोनों ओर स्टूल रख दिए, उन पर डिब्बे जमा दिए और पीछे खड़ी हो उस आश्चर्य-मिश्रित मुस्कुराहट से देखने लगीं जैसे जादूगर की सहायिकाएँ देखती हैं। जादूगर ने सबको दिखाया कि डिब्बे खाली हैं।

'सरकार कू दरखास्त! आवक का डिब्बा में दरखास डालेगा तो जावक का डिब्बा में जवाब मिलेगा। मिलेगा तो मिलेगा आदरवाइज नईं भी मिलेगा। अप्लाय अप्लाय नो रिप्लाय।' जादूगर ने कहा और तभी विंग्स से एक व्यक्ति अनेक आवेदन-पत्र लेकर आया और उसने जादूगर के हाथों में थमा दिए। जादूगर ने दर्शकों की ओर देखा और कहा, 'आरे आज बहुत सारा दरखाश है। हाम इसकू गोबरमेण्ट को भेजता है', इतना कहकर उसने आवक के डिब्बे में एक-एक कर आवेदन-पत्र डालने शुरू कर दिए। फिर डिब्बे को बन्द कर दिया। यह सारा काम उसने पार्श्वसंगीत की एक लहर के साथ किया। उसने डिब्बे को बन्द किया और जादू की छड़ी घुमायी। फिर आवेदन-पत्र, लानेवाले से बोला, 'तुम इदर काय कू खड़ा है?'

'अप्लीकेशन का जवाब माँगता है, सर!'
'ओ, आवक में दरखास डालेगा तो जावक में जवाब आएंगा। इधर देखो।'
वह व्यक्ति जावक का डिब्बा देखता है। वह भी खाली है।
'ओय, गोबरमेंट ने जुवाब नईं दिया। इदर आवक में देखो फारवर्ड हुआ कि नईं?'
आवक के डिब्बे से भी सारे आवेदन-पत्र गायब हो चुके हैं। 
'सारा आप्लीकेशन किदर गिया?'
'किदर गिया?'
'किदर गिया?'
'किदर गिया?'
जादूगर और आवेदन करनेवाले के चेहरे पर हैरानी-परेशानी के नकली भाव हैं।
'कोई बात नई, फिर से अप्लाय करो। नया दरखास लगाओ।' जादूगर बोला।
वह व्यक्ति अन्दर जाकर फिर कुछ आवेदन-पत्र लाया। जादूगर ने उसे सबको दिखाकर आवक के डिब्बे में बन्द किया, छड़ी घुमायी। फिर डिब्बा खोला तो सारे आवेदन-पत्र गायब थे। फिर उसने जावक के दाहिने हाथ की ओर रखा डिब्बा खोला और देखा कि सारे आवेदन-पत्र आवक से गायब होकर जावक में आ गए थे मगर उन सब पर अब 'रिजेक्ट' लिखा हुआ था। जादूगर ने सारे आवेदन-पत्र उस व्यक्ति को लौटा दिए।
'ये साब आप्लीकेशन तो रिजेक्ट हो गिया।' व्यक्ति ने करुण स्वर से कहा।

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