विविध >> हम हिन्दुस्तानी हम हिन्दुस्तानीनाना पालखीवाला
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वर्तमान भारत की जनता तथा उससे संबंधित सभी सामयिक राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक समस्याओं पर निर्णयात्मक विचार और समाधान...
प्रबुद्ध भौतिक विज्ञान शास्त्री प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग ने अपनी नवीनतम
पुस्तक ‘ब्लैक होल्स एंड बेबी यूनिवर्सेज़’ में लिखा
हैः
‘‘मैं इस दृष्टिकोण से सहमत नहीं हूँ कि ब्रह्मांड एक
रहस्य
है।’’ मेरे अनुसार ब्रह्मांड केवल एक रहस्य ही नहीं
बल्कि
करोड़ों-करोड़ों विलक्षण तथा असाध्य रहस्यों का अनंत समूह है जिसे मानव
मस्तिष्क (मानव आत्मा से भिन्न) सुलझा पाने में कभी समर्थ नहीं हो सकेगा।
इस शताब्दी के महान वैज्ञानिक अलर्बट आइन्स्टाइन के अनुसार,
‘‘रहस्य ही हमारे जीवन का सबसे सुन्दर अनुभव है...।
वे मौलिक
संवेदानाएं जो सच्ची कला तथा सच्चे विज्ञान का उद्गम
हैं।’’
प्रोफेसर हॉकिंग आगे कहते हैं, ‘ब्रह्मांड तथा इसमें निहित हर
वस्तु
समय से कैसे विकसित होती है इसके कुछ पूर्व-परिभाषित नियम हैं। यद्यपि
हमें इन नियमों का वास्तविक रूप पूर्णता से अभी प्राप्त नहीं हुआ है, फिर
भी मेरे विचार से आनेवाले बीस वर्षों में उन्हें जान लेने की 50 प्रतिशत
संभावनाएं हैं।’’ प्रोफेसर हॉकिं कहते हैं कि मैं
नहीं समझता
कि मानव मास्तिष्क जिसमें कई खरब अणु विद्यमान हैं, कभी भी उन सभी नियमों
की खोज कर पाएगा जिनसे इस ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई। यह भी तो हो सकता है
जब मानव आत्मा उत्पत्ति के चरमोत्कर्ष पर पहुँच जाए। इसे श्री अरविंद ने
‘सुपरमैंने का नाम दिया है।
यह एक प्रकार से फैशन–सा बन गया है कि आप उन बातों पर विश्वास
करने
से इंकार करते हैं जो विज्ञान की कसौटी पर खरी नहीं उतरतीं। मैं यह
स्वीकार करता हूँ कि संदेह करना उचित है क्योंकि किसी एक सही व्यक्ति के
पीछे एक हजार धोखेबाज लगे हुए हैं जो दावा करते हैं कि उनके भीतर अलौकिक
शक्तियां हैं।
हैरी हुडिनी की नवीनतम आत्मकथा में, जो अक्टूबर 1993 में प्रकाशित हुई है,
यह लिखा गया है कि विश्व प्रसद्धि जादूगर अपनी मां की मृत्यु के पश्चात
अध्यात्मवाद द्वारा उस तक पहुँचने के लिए इतना व्यग्र था कि उसने कई
माध्यमों से भेट की परंतु प्रेतात्माओं की झूठी आवाजें ही सुनीं। लेकिन वह
जादूगर इस बहकानेवाली जादूगरी से बहक न सका।