अतिरिक्त >> घायल कौए की कहानी घायल कौए की कहानीरामेश बेदी
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नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित नेहरू बाल पुस्तकालय की बच्चों के लिए एक सचित्र रोचक पुस्तक
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
छोटू स्कूल से लौट रहा था। पहली सितम्बर, 1970 की शाम के साढ़े चार बजे
थे। उसने कौए का बच्चा गिरा पड़ा देखा। छोटू उसके पास गया तो वह डर कर
कोने में दुबक गया। यह कौओं के अण्डे में बच्चे निकलने का मौसम था। बड़े
बच्चे घोंसलें छोड़कर अपने माँ-बाप के साथ चुग्गा खाने बाहर भी जाने लगे
थे। दिल्ली की भीड़ भरी सड़कों को पार करने में जैसे इन्सान के बच्चे को
तकलीफ होती है, वैसे ही कौओं के बच्चों के लिए भी सड़कों की भीड़ काफी
मुसीबत वाली है।
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