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मनोरंजक कथाएँ >> अद्भुत द्वीप

अद्भुत द्वीप

श्रीकान्त व्यास

प्रकाशक : शिक्षा भारती प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :80
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 5009
आईएसबीएन :9788174830197

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जे.आर.विस के प्रसिद्ध उपन्यास स्विस फेमिली रॉबिन्सन का सरल हिन्दी रूपान्तर...


दूसरे दिन हम लोगों ने पूरी तैयारी की। अपने 'एलिजाबेथ' जहाज को तैयार किया। उस पर तोपें और बंदूकें लादीं और इंग्लैंड का राष्ट्रीय झंडा फहराया। इसके बाद परिवार के हम सब लोग अपनी शानदार पोशाकों में उस पर बैठकर चल दिए।

इस बार जैसे ही हम उस अंग्रेजी जहाज के पास पहुंचे, हमें देखने के लिए वहां के सारे लोग अपने जहाज की डेक पर इकट्ठे हो गए। उनके चेहरे से ऐसा लगता था जैसे उन्हें बड़ा आश्चर्य हो रहा हो। हमने अपने जहाज से ग्यारह बार बंदूकें दागकर उन्हें सलामी दी। उत्तर में उन्होंने इक्कीस बंदूकें दागीं। उसके बाद मैं अपने जहाज से उनके जहाज पर गया और उनके कप्तान से हाथ मिलाया। उसने भी बड़ी प्रसन्नता के साथ हमारा स्वागत किया।

कप्तान का नाम था मि. लिटिलटन। काफी देर तक हम लोग आपस में बातें करते रहे और अपनी कहानियां सुनाते रहे। कप्तान लिटिलटन की बातों से मुझे पता चला कि जेनी का अंदाज गलत नहीं था। हालांकि उसकी खोज में उसके पिता नहीं आए थे, लेकिन कप्तान लिटिलटन को यह आदेश अवश्य दिया गया था कि वह पूरी कोशिश के साथ जेनी का पता लगाए। कप्तान ने बताया कि 'जब मैंने तोपों की आवाजें सुनी तो तय किया कि खोज करने के बजाय हमें यहीं रुककर प्रतीक्षा करनी चाहिए कि हमारे अलावा और कौन यहां इस टापू पर है। वैसे मेरा अनुमान केवल यही था कि किसी का जहाज यहीं कहीं आसपास ध्वस्त हुआ होगा और वह आस-पड़ोस से गुजरने वाले जहाजों की मदद पाने के लिए तोपें दाग रहा होगा। लेकिन देखता यह हूं कि आपने तो यहां बड़ा पुख्ता इंतजाम कर रखा है।''

उसके बाद कप्तान लिटिलटन से हमने अपने यहां चलने का आग्रह किया। वे आसानी से ही राजी हो गए। उनके साथ इंजीनियर मि. वील्लन और उनकी पत्नी तथा पुत्री भी मेरे जहाज एलिजाबेथ पर आ गए।

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    अनुक्रम

  1. एक
  2. एक
  3. दो
  4. दो
  5. तीन
  6. तीन
  7. चार
  8. चार
  9. पाँच
  10. पाँच
  11. छह
  12. छह
  13. सात
  14. सात
  15. आठ
  16. आठ
  17. नौ
  18. नौ
  19. दस
  20. दस

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